Edited By Anil Kapoor,Updated: 06 Aug, 2018 11:09 AM
विश्व के 7वें अजूबे के लिए चाहे सुप्रीम कोर्ट कितने भी यत्न कर ले पर यहां की सुरक्षा को लेकर सीआईएसएफ और पुरातत्व विभाग लगातार फेल साबित हो रहा है। ताजा मामला ताजमहल पर प्रमोशन का है।
आगरा: विश्व के 7वें अजूबे के लिए चाहे सुप्रीम कोर्ट कितने भी यत्न कर ले पर यहां की सुरक्षा को लेकर सीआईएसएफ और पुरातत्व विभाग लगातार फेल साबित हो रहा है। ताजा मामला ताजमहल पर प्रमोशन का है। यहां सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद भी चाइनीज विदेशी पर्यटकों ने योग का प्रमोशन करते हुए बैनर को लहराया व इसकी वीडियो व फोटोग्राफी भी करवाई।
उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस के अनुसार ताजमहल पर किसी भी तरह का प्रचार बिल्कुल बैन है। यहां बैनर, किसी भी देश का झंडा और तो और कपड़ों पर किसी भी तरह के प्रचार के स्लोगन लिख कर अंदर प्रवेश नहीं किया जा सकता है। प्रतिबंध का उल्लंघन करने पर मुकद्दमा दर्ज हो सकता है और डेढ़ साल तक की सजा का भी प्रावधान है। पूर्व में मिस यूनिवर्स द्वारा सैंडल के प्रदर्शन पर मुकद्दमा दर्ज किया गया था।
जांच के बाद होगी कार्रवाई: ब्रज भूषण
सीआईएसए कमांडैंट ब्रज भूषण का कहना है कि हम ताजमहल क्षेत्र में बैनर लहराए जाने की जांच करवा रहे हैं। कई बार महिलाएं दुपट्टे की तरह इस्तेमाल कर ऐसे कपड़े लेकर चली जाती हैं। जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।