Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 14 Jan, 2022 07:03 PM
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार पर पिछड़ों, दलितों, वंचितों, किसानों और बेरोजगारों की उपेक्षा का आरोप लगाकर उत्तर प्रदेश सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्री पद से इस्तीफा देने वाले भाजपा विधायक दारा सिंह...
लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार पर पिछड़ों, दलितों, वंचितों, किसानों और बेरोजगारों की उपेक्षा का आरोप लगाकर उत्तर प्रदेश सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्री पद से इस्तीफा देने वाले भाजपा विधायक दारा सिंह चौहान 16 जनवरी को समाजवादी पार्टी में शामिल होंगे। चौहान के करीबी सूत्रों ने इसकी जानकारी दी। चौहान के करीबी सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि नोनिया (चौहान) बिरादरी से आने वाले दारा सिंह चौहान ने 12 जनवरी को योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी की सरकार पर पिछड़ों, दलितों, वंचितों, किसानों और बेरोजगारों की उपेक्षा करने का आरोप लगाते हुए वन एवं पर्यावरण मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।
इस बात की चर्चा थी कि स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ ही चौहान भी शुक्रवार को समाजवादी पार्टी में शामिल होंगे लेकिन वह शुक्रवार को सपा में नहीं गए। संपर्क साधने पर उनके एक करीबी ने बताया कि 16 जनवरी को वह अपने समर्थकों के साथ समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण करेंगे। उन्होंने बताया कि पहले से ही यह तय था कि चौहान 16 जनवरी को सपा में शामिल होंगे। पूर्वी उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के मूल निवासी दारा सिंह चौहान मऊ जिले की मधुबन विधानसभा सीट से 2017 में विधायक चुने गये और योगी की सरकार में वन एवं पर्यावरण मंत्री बने।
इसके पहले चौहान 1996 में बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर राज्यसभा के लिये निर्वाचित हुये, लेकिन कार्यकाल पूरा होने से पहले ही वह सपा में शामिल हो गए। दोबारा उन्हें समाजवादी पार्टी ने राज्यसभा में भेजा और 2006 तक चौहान राज्यसभा के सदस्य रहे। बाद में वह फिर बसपा में वापस लौट आए और 2009 में घोसी लोकसभा क्षेत्र से बसपा के टिकट पर सांसद निर्वाचित हुये। चौहान लोकसभा में बसपा संसदीय दल के नेता भी रहे लेकिन 2014 के लोकसभा चुनाव में वह भारतीय जनता पार्टी के हरिनारायण राजभर से पराजित हो गए। इसके बाद वर्ष 2015 में वह दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए थे और भाजपा नेतृत्व ने उन्हें भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया था।