डॉक्टरों की लापरवाही की सजा भुगत रहा दम्पत्ति, न्याय की आस में दे रही धरना

Edited By Ramkesh,Updated: 30 Dec, 2020 08:20 PM

couple suffering punishment for negligence of doctors

जिला अधिकारी कार्यालय के सामने एक दम्पत्ति अपने चार माह के दिब्यांग बच्चे को लेकर न्याय की आस में धरान दे रही है। पीड़िता का आरोप है कि इतनी भीषण ठंड में अधिकारी उसकी सुनने को तैयार नहीं है।

गोरखपुर: जिला अधिकारी कार्यालय के सामने एक दम्पत्ति अपने चार माह के दिव्यांग बच्चे को लेकर न्याय की आस में धरना दे रही है। पीड़िता का आरोप है कि इतनी भीषण ठंड में अधिकारी उसकी सुनने को तैयार नहीं है। आरोप है कि प्राइवेट डॉक्टरों की लापरवाही की सजा दम्पत्ति भुगत रही है। लेकिन अभी तक आरोपी डॉक्टरों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। जिससे नाराज पीड़िता ने डीएम कार्यालय के सामने धरना देने को मजबूर है।
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बता दें कि मामला सीएम सिटी गोरखपुर के सहजनवा का है। जिला अस्पताल में 15 अगस्त को गर्भवती महिला ने बच्चे को जन्म दिया। डिलीवरी के बाद जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि यह बच्चा मानसिक और शारीरिक रूप से दिव्यांग है। पीड़िता का आरोप है अभिषेक ने डॉक्टर की सलाह पर प्रत्येक जांच नियम से करवाया था। प्रेग्नेंसी के कुछ महीने बीत जाने के बाद डॉक्टर अरुणा छाबडिय़ा ने बेतियाहाता स्थित डॉ अंजू मिश्रा के पास अल्ट्रासाउंड -2 जांच कराने के लिए भेजा। जहां पर जांच में सब कुछ ठीक दिखाया गया।  हालांकि -2 में यदि बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ हो तो लेवल 3 की जांच नही करनी पड़ती है। इसी रिपोर्ट के आधार पर अभिषेक ने अपनी पत्नी अनुराधा की डिलीवरी जिला अस्पताल में करवाया। जिला अस्पताल में डिलीवरी के बाद बच्चे का एक हाथ नही होना बताया गया। और दिमागी रूप से भी अविकसित बताया गया।

पीड़ित के मुताबिक 4 अस्पतालों के डॉक्टरों ने की है लापरवाही की अभी तक उन पर कार्रवाई नहीं हुई है। अभी तक केवल सहजनवा के एक डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई हुई। पीड़िता का आरोप है कि दोषी डॉक्टरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाय। जिसके लिए पीड़िता ने डीएम कार्यालय के सामने धरना दे रही है।

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