Edited By Ajay kumar,Updated: 09 Apr, 2020 02:24 PM
लॉकडान में किसानों की खड़ी फसल पर भी संकट मंडरा रहा है। किसान अपने घरों में रहने को मजबूर है
प्रयागराज: लॉकडान में किसानों की खड़ी फसल पर भी संकट मंडरा रहा है। किसान अपने घरों में रहने को मजबूर है। कोरोना एवं लॉकडाउन के चलते किसान फसल को काटने नहीं जा पा रहा है। ऐसे में किसान अपने पकी फसल को बर्बाद होते देखने को मजबूर है। किसानों का कहना है कि मशीनों से भी गेहूं की कटाई की सुविधा नहीं मिल पा रही है।
हालांकि जिला प्रशासन ने खेतों में फसलों की कटाई पर किसी तरह की रोक से इंकार किया है। लेकिन जमीनी हकीकत ये है कि लॉक डाउन के चलते गांवों में किसान अपने खेतों में नहीं जा पा रहे हैं। गांवों में लॉकडाउन का सख्ती से पालन कराया जा रहा है। लॉकडाउन खत्म होने का इंतजार किसान कर रहे हैं। बाहर निकलने पर पुलिस लाठियां बरसा रही है।
जिले में भी कोरोना पॉजिटिव मरीज होने से लोगों के मन में इस तरह का खौफ हो गया है कि लोग खेतों की ओर नहीं जा रहे हैं। किसानों को अब ये चिंता है कि कुछ दिन पहले जहां बेमौसम बारिश और ओले ने उनकी फसल को जमकर नुकसान पहुंचाया था। लॉकडाउन में अगर यही स्थिति रही तो उन्हें लागत को निकालना दूर अपने खाने के लिए भी खाद्यान की कमी का सामना करना पड़ेगा। जबकि किसानों की फसल बर्बादी से देश में भी खाद्यान का भारी संकट खड़ा हो सकता है।
DM का कहना है कि किसानों के फसल काटने पर कोई पाबंदी नहीं लगाई गई है। किसान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए अपने खेतों में खड़ी फसल की कटाई कर सकते हैं। उनके मुताबिक कृषि विभाग को भी इस मामले में आवश्यक दिशा-निर्देश दे दिए गए हैं। डीएम के मुताबिक शासन ने भी गेहूं का समर्थन मूल्य घोषित कर दिया है। इसके साथ ही जिले में गेहूं खरीद के लिए 68 क्रय केंद्रों को भी चिन्हित कर लिया गया है।