CM योगी बोले- हमें बांटने वाली ताकतों के षड्यंत्र से सतर्क होकर देश हित के लिए काम करना होगा

Edited By Ramkesh,Updated: 21 Sep, 2024 06:17 PM

cm yogi said we have to be cautious of the conspiracy of divisive

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को कहा कि जातीय विभेद, छुआछूत, अस्पृश्यता के चलते जब तक सामाजिक एकजुटता का अभाव रहेगा, तब तक राष्ट्रीय एकता को चुनौती मिलती रहेगी। योगी आदित्यनाथ ने ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ की 55वीं तथा...

गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को कहा कि जातीय विभेद, छुआछूत, अस्पृश्यता के चलते जब तक सामाजिक एकजुटता का अभाव रहेगा, तब तक राष्ट्रीय एकता को चुनौती मिलती रहेगी। योगी आदित्यनाथ ने ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ की 55वीं तथा ब्रह्मलीन महंत अवैद्यनाथ की 10वीं पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में आयोजित साप्ताहिक श्रद्धांजलि समारोह को संबोधित करते हुए यह बात कही। आयोजन के अंतिम दिन शनिवार (आश्विन कृष्ण चतुर्थी) को महंत अवैद्यनाथ की पुण्यतिथि पर श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए योगी ने कहा, “संतों की पुण्यतिथि पर आयोजन से, उनके व्यक्तित्व और कृतित्व के स्मरण से नयी प्रेरणा मिलती है।”

जब तक एकजुटता का अभाव रहेगा, तब तक राष्ट्रीय एकता को चुनौती मिलती रहेगी
मुख्यमंत्री ने कहा, “जातीय विभेद, छुआछूत, अस्पृश्यता के चलते जब तक सामाजिक एकजुटता का अभाव रहेगा, तब तक राष्ट्रीय एकता को चुनौती मिलती रहेगी। उन्होंने कहा, “यही कारण है कि भारत की मार्गदर्शक संत परंपरा ने समाज को जोड़ने का संदेश दिया है। हमें बांटने वाली ताकतों के षड्यंत्र से सतर्क होकर तथा एकजुट होकर देश और समाज के हित के लिए काम करना होगा।” मुख्यमंत्री ने कहा, “पूज्य गुरुदेव ब्रह्मलीन महंत अवैद्यनाथ महाराज के साथ सेवा के अनेक प्रकल्पों से जुड़कर काम करने का सौभाग्य मुझे मिला। वे मूलतः धर्माचार्य थे। उनमें वात्सल्य का भाव था। वह मार्गदर्शक और सच्चे समाज सुधारक थे। सहज और सरल लोगों के लिए वह वात्सल्य स्वरूप थे तो धर्म विरोधी आचरण करने वालों के प्रति वज्र जैसे कठोर।”

जाति की खाई का दुष्परिणाम देश को लंबे समय तक भुगतना पड़ा
मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज और जीवन का ऐसा कोई पक्ष नहीं जिसे गोरक्षपीठ ने आगे न बढ़ाया हो। पीठ की परंपरा जोड़ने की रही है। गोरक्षपीठ के महंत योगी आदित्यनाथ ने कहा, “पीठ ने इतिहास के अलग-अलग कालखंडों में उन कारणों को समझने के लिए प्रेरित किया जिनकी वजह से देश को गुलाम होना पड़ा।” उन्होंने कहा, “यह पीठ इसलिए भी समाज की एकजुटता की बात करती है कि जब भी समाज में जाति की खाई को चौड़ा करने का प्रयास किया गया, तब-तब इसका दुष्परिणाम देश को लंबे समय तक गुलामी के रूप में भुगतना पड़ा।”

स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भी गुलामी मानसिकता रही हावी
योगी ने कहा, “स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भी गुलामी की मानसिकता इतनी हावी रही कि तत्कालीन नेतृत्व देश की सही दिशा तय नहीं कर पाया। अनेक बलिदानियों के सर्वस्व बलिदान से हासिल स्वतंत्रता के बाद भी देश को सही दिशा न मिलने से संतों में आक्रोश था।” मुख्यमंत्री ने कहा, “आज भारत सही दिशा में आगे बढ़ रहा है। बीते दस वर्षों में भारत की प्रगति, सर्वांगीण विकास की रूपरेखा उत्साहित करने वाली है।” उन्होंने कहा, “इस परिस्थिति में हम सबका दायित्व है कि हम बांटने वाली ताकतों के षड्यंत्र से बचें।” योगी ने कहा, “सतर्क इसलिए भी रहना होगा कि आपस में लड़ाने के लिए पैसा किसी और का होगा लेकिन माध्यम यहीं के लोग होंगे। इससे बचने के लिए संत परंपरा के संदेशों को जानने की आवश्यकता है।

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