Edited By Umakant yadav,Updated: 21 Feb, 2021 08:17 PM
पहली बार कागज रहित बजट की प्रस्तुति की गवाह बनने जा रही उत्तर प्रदेश विधानसभा में जल्द ही एजेंडा, सवाल-जवाब और अन्य दस्तावेज भी ''पेपरलेस'' होंगे। विधानसभा अध्यक्ष ने इसकी जानकारी दी। उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने रविवार को...
लखनऊ: पहली बार कागज रहित बजट की प्रस्तुति की गवाह बनने जा रही उत्तर प्रदेश विधानसभा में जल्द ही एजेंडा, सवाल-जवाब और अन्य दस्तावेज भी 'पेपरलेस' होंगे। विधानसभा अध्यक्ष ने इसकी जानकारी दी। उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने रविवार को बताया "देश की सभी विधानसभाओं मे ई-विधान लागू करने की योजना है। इसे उत्तर प्रदेश में भी क्रियान्वित किया जाएगा। इस पर जो भी खर्च आएगा वह हम वहन करेंगे। इस परियोजना के लिए संसदीय कार्य मंत्रालय को नोडल संस्था बनाया गया है।" उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश ने इस सिलसिले में केंद्र के साथ समझौता करने की तैयारी कर ली है और जरूरी उपकरण भी लगा दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि इस बार का पेपरलेस बजट ई-विधान योजना का हिस्सा है और इस बार केवल बजट ही पेपरलेस होगा।
उन्होंने बताया कि एक बार ई-विधान लागू हो गया तो सदन की कार्यवाही का एजेंडा, विधायकों की प्रति तथा प्रश्नोत्तर भी पेपरलेस हो जाएंगे और ई-विधान लागू हो जाने से सदन के एजेंडा समेत सभी चीजें सार्वजनिक हो जाएंगी। दीक्षित ने बताया कि इस बार प्रदेश के वित्त मंत्री टेबलेट पर बजट भाषण पढ़ेंगे और विधायक भी अपने-अपने स्थान पर रखे टेबलेट में बजट भाषण को पढ़ सकेंगे। ई-विधान डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत 44 मिशन मोड परियोजनाओं में से एक योजना है। इसका मकसद भारत को डिजिटल लिहाज से सशक्त समाज में तब्दील करना है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने पेपरलेस बजट के लिए पहले ही तैयारी कर ली थी और दोनों सदनों के सदस्यों के लिए पर्याप्त संख्या में टेबलेट खरीदे जा चुके हैं। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी इस साल एक फरवरी को लोकसभा में आम बजट का भाषण टेबलेट के माध्यम से ही किया था।