दिमाग ठीक तो नशेड़ी को उसकी मर्जी के खिलाफ नहीं भेज सकते Drug addiction center: HC

Edited By Moulshree Tripathi,Updated: 24 Oct, 2020 11:32 AM

brain well then can not send addicts against drug addiction center hc

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा है कि किसी शराबी का दिमाग ठीक है तो उसकी मर्जी के खिलाफ जबरन नशा मुक्ति केंद्र भेजना अवैध निरूद्धि होगी। न्यायालय ने नशा

प्रयागराज:  इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा है कि किसी शराबी का दिमाग ठीक है तो उसकी मर्जी के खिलाफ जबरन नशा मुक्ति केंद्र भेजना अवैध निरूद्धि होगी। न्यायालय ने नशा मुक्ति केंद्र से पेश किये गये याची को स्वतंत्र कर दिया है और उसे जहां चाहे अपनी मर्जी से जाने की छूट दी है।    

कोर्ट ने एसएस पी मेरठ को निर्देश दिया है कि जीवन रक्षक ड्रग डे एडिक्शन एण्ड रिहैबिलिटेशन सेन्टर मुजफ्फरनगर या जिसने केन्द्र में जबरन भर्ती कराया। उसके खिलाफ कानूनी कारर्वाई करे। साथ ही यह सुनिश्चित करे कि याची को भविष्य में कोई नुकसान न पहुंचाने पाये। न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने अंकुर कुमार की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका को स्वीकार करते हुए यह आदेश दिया है।       

गौरतलब है कि याची को नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती कराया गया। जिसे अवैध निरूद्धि करार देते हुए रिहाई के लिए याचिका दाखिल की गयी । न्यायालय ने याची को पेश करने का निर्देश दिया। दरोगा कपिल कुमार ने नशा मुक्ति केंद्र मुजफ्फरनगर से लाकर याची को पेश किया। 29 वर्षीय अंकुर कुमार ने न्यायालय को बताया कि उसे उसके मामा बीरेन्द्र सिंह बिल्लू ने कई लोगों के साथ आकर जबरन गाडी में बैठाकर नशा मुक्ति केंद्र मे मर्जी के खिलाफ भर्ती करा दिया है। 

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