Edited By Anil Kapoor,Updated: 08 Feb, 2023 01:16 PM

अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) के लिए उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है और बहुत जल्द प्रदेश संगठन में फेरबदल हो सकता है। साथ ही, भाजपा की...
लखनऊ: अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) के लिए उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है और बहुत जल्द प्रदेश संगठन में फेरबदल हो सकता है। साथ ही, भाजपा की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (Suheldev Bharatiya Samaj Party) के साथ लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) में गठबंधन (Alliance) की भी संभावना बढ़ गई है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी (Bhupendra Singh Chowdhary) ने एक न्यूज एजेंसी को दिए गए एक साक्षात्कार में कहा कि संगठन में बहुत बड़ा परिवर्तन नहीं होगा लेकिन बहुत जल्द आंशिक पुनर्गठन किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा, ''राजभर जी (सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर) हमारे साथ रहे हैं और निश्चित रूप से अगर विचारधारा से सहमत हैं तो उन्हें अपने साथ काम करने का पार्टी अवसर देगी, ऐसा मुझे विश्वास है।
बैठक में भूपेंद्र सिंह चौधरी ने लोकसभा चुनाव में राज्य की सभी 80 सीट जीतने का लक्ष्य किया था निर्धारित
भाजपा प्रदेश कार्यसमिति की पिछले महीने लखनऊ में हुई बैठक में भूपेंद्र सिंह चौधरी ने लोकसभा चुनाव में राज्य की सभी 80 सीट जीतने का लक्ष्य निर्धारित किया था और इसके लिए पार्टी पदाधिकारियों की जिम्मेदारी और जवाबदेही तय की थी। हालांकि चौधरी से अब तक उनकी प्रदेश कमेटी गठित न होने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मुझे पार्टी ने मध्य सत्र में अध्यक्ष के रूप में कार्य करने का अवसर दिया। संगठन के कुछ लोग सरकार में मंत्री बने हैं तो मैंने आंशिक पुनर्गठन के लिए पार्टी के नेतृत्व से निवेदन किया और मुझे उसकी अनुमति मिली है। जल्द ही हम इस प्रक्रिया में आगे बढ़ेंगे। बहुत बड़ा परिवर्तन नहीं होगा लेकिन आंशिक पुनर्गठन का कार्य किया जाएगा।
इस वर्ष 9 राज्यों में और अगले वर्ष लोकसभा का चुनाव होना है
उन्होंने इसके पहले संगठनात्मक व्यवस्था को स्पष्ट करते हुए कहा कि भाजपा की एक लोकतांत्रिक व्यवस्था है। देश में इस वर्ष 9 राज्यों में और अगले वर्ष लोकसभा का चुनाव होना है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव होना है तो भाजपा की राष्ट्रीय कार्यसमिति ने राष्ट्रीय अध्यक्ष का कार्यकाल जून 2024 तक बढ़ाया है और उसी क्रम में प्रदेश, जिलों, मंडलों का कार्यकाल 2024 तक बढ़ गया है।'' पिछड़ी जातियों में प्रभावी जाट समुदाय से आने वाले भूपेंद्र सिंह चौधरी को भाजपा ने पिछले वर्ष अगस्त में पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया था और उन्होंने इसके बाद योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व की सरकार में पंचायती राज मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।
ओमप्रकाश राजभर के भाजपा से 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में गठबंधन के संकेत
भाजपा के पूर्व सहयोगी रहे सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर से फिर नजदीकी बढ़ने और 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में गठबंधन के संकेत पर चौधरी ने कहा कि ''हमारा रूख स्पष्ट है, हम सबका स्वागत करते हैं। जो भी हमारे विचार से सहमत हैं और हमारे साथ काम करना चाहता तो उसे साथ रखने में कोई समस्या नहीं है। हम सबको साथ लेकर चलेंगे। राजभर जी हमारे साथ रहे हैं और निश्चित रूप से अगर विचारधारा से सहमत हैं तो उन्हें अपने साथ काम करने का पार्टी अवसर देगी, ऐसा मुझे विश्वास है।

राजभर ने 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के साथ मिलकर लड़ा था चुनाव
राजभर ने 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ा और उनकी पार्टी ने 4 सीट पर जीत हासिल की थी। वह योगी सरकार में मंत्री बने। हालांकि दो वर्ष के भीतर ही भाजपा से उनका गठबंधन टूट गया और वह सरकार से बाहर हो गए। राजभर की पार्टी ने 2022 समाजवादी पार्टी से हाथ मिला लिया था और विधानसभा की 403 सीटों में 6 सीटों पर जीत हासिल की थी। राष्ट्रपति चुनाव के दौरान भाजपा उम्मीदवार के समर्थन में आने से सपा प्रमुख से राजभर की दूरी बढ़ गई और वह विरोध में मुखर हो गए। बाद में उनका गठबंधन टूट गया और अब वह सपा की नीतियों के मुखर विरोधी हो गए हैं। गौरतलब है कि अपना दल (सोनेलाल) के साथ गठबंधन कर 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने राज्य की 80 सीटों में से 64 सीट जीती थीं जबकि कांग्रेस ने एक, सपा ने पांच और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने 10 सीट जीती थीं। तब सपा-बसपा ने मिलकर गठबंधन में चुनाव लड़ा था।