यूपी में 100 विधायकों का बीजेपी काट सकती है टिकट, 2027 को लेकर इंटरनल सर्वे का 'रिपोर्ट कार्ड' आया सामने

Edited By Ramkesh,Updated: 04 Dec, 2025 02:25 PM

bjp may cancel tickets for 100 mlas in up internal survey report for 2027 has

उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव 2027 को लेकर भारतीय जनता पार्टी एक्टिव मोड़ में है। इसे लेकर अभी से तैयारी शुरू कर दी है। पार्टी ने अपने मौजूदा विधायकों के कामकाज को लेकर इंटरनल सर्वे कराया है जिससे विधायकों के भविष्य को लेकर पार्टी तय करेगी...

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव 2027 को लेकर भारतीय जनता पार्टी एक्टिव मोड़ में है। इसे लेकर अभी से तैयारी शुरू कर दी है। पार्टी ने अपने मौजूदा विधायकों के कामकाज को लेकर इंटरनल सर्वे कराया है जिससे विधायकों के भविष्य को लेकर पार्टी तय करेगी किसे टिकट देना है किसे नहीं देना है। अब बीजेपी के इंटरनल सर्वे का 'रिपोर्ट कार्ड' आया सामने है।

पार्टी सूत्रों की मानें तो पूर्वांचल पश्चिम क्षेत्र का सर्वे पहले हुआ जिसमें से काशी,बृज,अवध और अन्य क्षेत्रों का सर्वे शामिल है। पार्टी ने पेशेवर एजेंसियों को ये जिम्मेदारी सौंपी थी।  गुप्त सर्वे के जरिए विधायकों की छवि, विकास कार्य, जातीय समीकरण और विपक्ष की ताकत का आकलन किया गया है। भाजपा ने इस सर्वे के पहले चरण को तीन श्रेणी में इसको किया है

  • A श्रेणी: जनता में लोकप्रिय, मजबूत पकड़ और बेहतर प्रदर्शन वाले विधायक है जिनकी संख्या 40 से 50 है।

 

  • बी श्रेणी: औसत प्रदर्शन, लेकिन सुधार की गुंजाइश वाले विधायकों की संख्या 60--80 के बीच है।

 

  • सी श्रेणी: कमजोर पकड़, नकारात्मक छवि और जीत की कम संभावना वाले--इनकी संख्या भी 100 के करीब है।

पार्टी सूत्रों के अनुसार ‘ए’ श्रेणी के नेताओं का टिकट लगभग पक्का है,जबकि ‘सी’ श्रेणी वालों की कुर्सी खतरे में है। विधायकों के ऑडिट के कई पैमाने बनाये गए थे। विधायकों का पिछले कार्यकालों में प्रदर्शन और अपने क्षेत्र में विकास निधि का उपयोग,जनता की समस्याओं के समाधान में सक्रियता और पिछले चुनाव में जीत का अंतर और उसकी वजह, जनता की नजर में व्यक्तिगत और राजनीतिक छवि और 2027 में जीत की संभावना इस सर्वे में विपक्षी दलों की ताकत और कमजोरियों का भी विश्लेषण भी किया गया है। सर्वे में यह दर्ज किया गया कि किस जातीय समूह में किस पार्टी की पकड़ है, कौन-से मुद्दे जनता को प्रभावित कर रहे हैं, और विपक्ष के कौन-से नेता भाजपा के लिए चुनौती बन सकते हैं। टिकट वितरण में भावनाओं या पुराने रिश्तों को दरकिनार कर प्रदर्शन को प्राथमिकता दी जाएगी।

 इस सर्वे रिपोर्ट मिलने के बाद भाजपा आलाकमान अब अगले चरण की तरफ बढ़ेगा।अब अगले चरण में बीजेपी प्रत्याशी चयन के लिए संगठनात्मक जिलों से पैनल तैयार कराएगी। जिलाध्यक्ष, जिला प्रभारी, सांसद मिलकर प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में तीन-तीन संभावित उम्मीदवार का पैनल तैयार करेंगे। क्षेत्रीय अध्यक्ष भी प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के लिए उम्मीदवारों का पैनल तैयार करेंगे। वह पैनल प्रदेश कोर कमेटी के सामने रखा जाएगा।

कोर कमेटी प्रत्येक जिलाध्यक्ष और जिला प्रभारी के साथ पैनल में नामित नामों से नाम तय करेगी। कोर कमेटी बीजेपी को हिस्से वाली सीटों पर प्रत्याशियों का पैनल तैयार कर केंद्रीय नेतृत्व के समक्ष पेश करेगी। केंद्रीय नेतृत्व, प्रदेश से मिली सूची, और राष्ट्रीय अध्यक्ष के सर्वे में आए नामों के आधार पर एक कॉमन पैनल तैयार करेंगे। उस पैनल पर लंबी चर्चा, सामाजिक, राजनीतिक और जातीय संतुलन देखते हुए प्रत्याशी तय किए जाएंगे।  यूपी में सर्वे रिपोर्ट  के आधार पर ही भाजपा विधायकों के विधानसभा टिकट को लेकर पैनल का फार्मूला भी अपनाया जाएगा। 

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