Edited By Moulshree Tripathi,Updated: 26 May, 2020 10:25 PM

कोरोना संकट के दौर से गुजर रहे उत्तर प्रदेश में गर्मी भी एक बड़ी समस्या बन गई है। ऐसे में बीजली को लेकर प्रदेश के ऊर्जा और अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत मंत्री श्रीकान्त शर्मा ने मंगलवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग से सभी विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा...
लखनऊः कोरोना संकट के दौर से गुजर रहे उत्तर प्रदेश में गर्मी भी एक बड़ी समस्या बन गई है। ऐसे में बीजली को लेकर प्रदेश के ऊर्जा और अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत मंत्री श्रीकान्त शर्मा ने मंगलवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग से सभी विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा उपकेंद्रों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए किए जा रहे कार्यों की समीक्षा की। इसके साथ ही उन्होंने निर्देश दिया कि यूपी पावर कार्पोरेशन लिमिटेड अध्यक्ष नियमित इसकी समीक्षा करें और लापरवाही पर जवाबदेही भी सुनिश्चित करें।
उन्होंने कहा कि सभी उपकेंद्र आर्थिक रूप से सक्षम बनेंगे तो उपभोक्ताओं के साथ ही कार्मिकों का भी भला होगा। ऐसे सभी उपकेंद्रों पर 24 घंटे निर्बाध बिजली मिलेगी। शर्मा ने बताया कि प्रदेश के सभी उपकेंद्रों को लाइन हानियों के हिसाब से ग्रीन, ऑरेंज व रेड कैटेगरी में बांटा गया है। 15 फीसदी से कम लाइन हानि पर ग्रीन, पिछले वर्ष डिस्कॉम की औसत लाइन हानि की सीमा तक ऑरेंज और उससे ऊपर लाइन हानि वाले उपकेंद्र को रेड कैटेगरी में रखा गया है। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश के सभी 4418 उपकेंद्रों को श्रेणीवार ग्रीन, ऑरेंज व रेड में बांटा गया है।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि हर उपकेंद्र को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाने के लिए उपभोक्ता सेवाओं में सुधार, तकनीकी का अधिक से अधिक उपयोग और मितव्ययिता पर काम करने की जरूरत है। उपभोक्ताओं को बिना असुविधा सभी सुविधाएं मिलें, यह सुनिश्चित कराया जा रहा है। उपकेंद्र पर जितनी बिजली जा रही है उतना राजस्व भी विभाग को मिले। इसके लिए सभी प्रकार की सहूलियतें दी जा रही हैं। सेवा और व्यवहार सही है तो उपभोक्ता बिजली घर तक चलकर बिल जमा करने आते हैं।