ये नहीं देखा को क्या देखा! 2022 की सबसे चर्चित लड़ाई, 'तू-तड़ाक' से 'बाप' तक पहुंचे अखिलेश और केशव मौर्य

Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 31 Dec, 2022 04:52 PM

akhilesh and keshav maurya s fight in the house

साल 2022 खत्म होने जा हो रहा है। वैसे साल 2022 राजनीति के लिहाज से काफी अहम रहा। वहीं कई राजनीतिक घटनाएं ऐसी भी रहीं जो 2022 में सुर्खियां बनीं। इसी में एक है सदन में अखिलेश यादव और केशव मौर्य की लड़ाई...

यूपी डेस्क: साल 2022 खत्म होने जा हो रहा है। वैसे साल 2022 राजनीति के लिहाज से काफी अहम रहा। वहीं कई राजनीतिक घटनाएं ऐसी भी रहीं जो 2022 में सुर्खियां बनीं। इसी में एक है सदन में अखिलेश यादव और केशव मौर्य की लड़ाई। मौका था इस साल मई में विधानसभा के सत्र का। राज्यपाल के अभिभाषण पर विधानसभा में चर्चा हो रही थी। नेता विपक्ष अखिलेश यादव बोलने खड़े हुए और करीब एक घंटे तक योगी सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि ये सरकार असफलताओं के नए रिकॉर्ड बना रही है।

 

अखिलेश के बाद डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य बोलने खड़े हुए। उन्होंने अखिलेश यादव के भाषण का जवाब देते हुए उनके दावों को गलत बताया। इस बीच अखिलेश यादव खड़े हुए और केशव प्रसाद मौर्य को सीएम ना बनाए जाने की ओर इशारा करते हुए कहा, आप ये बताइए कि लोकभवन में कब बैठ पाएंगे? इस पर केशव मौर्य ने कहा कि बीजेपी जीती है और लोक भवन में कमल खिला है। सपा की साइकिल पंक्चर हो गई है उसे जनता आगे भी उसे पंक्चर ही रखेगी। 2027 के चुनाव में फिर से कमल खिलेगा।

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अखिलेश भी खड़े हो गए और केशव के सिराथू से विधानसभा चुनाव हारने पर तंज किया। इसके बाद बोले कि आप तो पीडब्ल्यूडी मंत्री रहे हैं। फिर भी भूल गए कि आपके जिला मुख्यालय की सड़क किसने बनाई है? सबको बता दीजिए कि फोर लेन किसने बनाई? केशव मौर्य ने पलटकर जवाब दिया, यह सड़क किसने बनाई है, वो एक्सप्रेसवे किसने बनाया है... ऐसा लगता है कि आपने सैफई की जमीन बेचकर यह सब बना दिया है।

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गुस्से से तिलमिला उठे अखिलेश 
बस फिर क्या था केशव मौर्य के बयान से अखिलेश तिलमिला उठे। अखिलेश ने गुस्से में कहा "अरे तुम क्या पिताजी से पैसा लाते हो काम के लिए। ये जो राशन बांटा है, उसके लिए पिताजी से पैसा लाए हो। ये क्या बात हुई? चल, हट्ट, हप्प...' जिसके बाद पूरे सदन में हंगामा मच गया।  इस तरफ सपा के विधायकों का हल्ला तो उस तरफ से भाजपा के विधायक भी खड़े हो गए। कोई किसी की सुनने को तैयार नहीं। जिसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सबको मर्यादा का पाठ पढ़ाया। योगी आदित्यनाथ ने सबको मर्यादा में रहने की नसीहत देते हुए मामला शान्त किया। स्पीकर सतीश महाना ने भी विधायकों से इस तरह की बहस में पड़ने से बचने की अपील की और कार्यवाही को आगे बढ़ाया।

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