मेरठः प्रत्याशी बदलने के बावजूद भी नही थम रहा समाजवादी पार्टी में घमासान, कई नेताओं ने लिया नामांकन पत्र

Edited By Ajay kumar,Updated: 02 Apr, 2024 09:51 PM

after changing the candidate in meerut conflict samajwadi party not stopping

2024 लोकसभा चुनाव को लेकर प्रत्याशियों के नामांकन का दौर जारी है। इसी बीच समाजवादी पार्टी के द्वारा घोषित प्रत्याशियों को लेकर हो रही खींचतान का दौर भी लगातार देखने को मिल रहा है। पूर्व में समाजवादी पार्टी के द्वारा घोषित प्रत्याशी भानु प्रताप का...

मेरठः 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर प्रत्याशियों के नामांकन का दौर जारी है। इसी बीच समाजवादी पार्टी के द्वारा घोषित प्रत्याशियों को लेकर हो रही खींचतान का दौर भी लगातार देखने को मिल रहा है। पूर्व में समाजवादी पार्टी के द्वारा घोषित प्रत्याशी भानु प्रताप का टिकट काटकर पार्टी ने मेरठ के सरधना विधानसभा सीट से मौजूदा विधायक अतुल प्रधान को प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में उतारा है। अतुल प्रधान को प्रत्याशी के रूप में घोषणा होने के बाद पहले से घोषित प्रत्याशियों के बीच नाराजगी सामने आ गई है। खुद समाजवादी पार्टी के नेता नामांकन पत्र लेकर अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। इस क्रम में मेरठ शहर सीट से समाजवादी पार्टी के मौजूदा विधायक रफीक अंसारी ने कल नामांकन पत्र खरीदा तो आज सपा सरकार में मंत्री रहे आकिल मुर्तजा के पुत्र ने नामांकन पत्र खरीदा। वहीं समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व विधायक योगेश वर्मा ने भी नामांकन पत्र खरीदा। इसको लेकर गहमागहमी का दौर जारी है। 

समाजवादी पार्टी ने पूर्व में अधिवक्ता भानु प्रताप को बनाया था प्रत्याशी 
दरअसल, लोकसभा चुनाव 2024 के लिए मेरठ, हापुड़ लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी ने पूर्व में अधिवक्ता भानु प्रताप को प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में उतारा था। जिसको लेकर पार्टी के अंदर मुखालफत शुरू हो गई थी। बाहरी व्यक्ति का आरोप लगाते हुए पार्टी नेताओं ने भानु प्रताप का विरोध किया, जिसके बाद बैकफुट पर आते हुए समाजवादी पार्टी ने भानु प्रताप का टिकट काटते हुए मौजूदा विधायक अतुल प्रधान को प्रत्याशी बनाया।

अतुल प्रधान के प्रत्याशी घोषित होने के बावजूद विधायक रफीक अंसारी ने खरीदा नामांकन पत्र
अतुल प्रधान के प्रत्याशी घोषित होने के बावजूद मेरठ शहर सीट से समाजवादी पार्टी के विधायक रफीक अंसारी ने नामांकन पत्र खरीदा। ये सिलसिला यहीं नहीं रुका इसके बाद समाजवादी पार्टी की सरकार में मंत्री रहे आकिल मुर्तज़ा के पुत्र नोमान मुर्तज़ा अपने पिता के लिए नामांकन पत्र खरीदा। साथ ही साथ सपा नेता और पूर्व विधायक योगेश वर्मा ने भी नामांकन पत्र खरीद लिया । इस सारे घटनाक्रम के बाद कहीं ना कहीं असमंजस की स्थिति बनी हुई है कि आखिर समाजवादी पार्टी की तरफ से चुनावी मैदान में प्रत्याशी बनकर कौन मैदान में उतरेगा।

अतुल प्रधान को प्रत्याशी बनाने के बाद भी पार्टी के अंदर मचा हुआ घमासान
वहीं नोमान मुर्तजा ने अपने पिता के लिए नामांकन पत्र खरीदने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि उन्हें पार्टी आला कमान से पूरी उम्मीद है और पार्टी उन्हें निराश नहीं करेगी। कहीं ना कहीं कहा जाए तो अतुल प्रधान को प्रत्याशी बनाने के बाद भी पार्टी के अंदर मचा हुआ घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब देखना यह होगा कि आने वाले दिनों में कौन प्रत्याशी बनकर समाजवादी पार्टी की तरफ से चुनावी मैदान में उतरता है। सवाल यह भी है कि इतनी गहमागहमी और गुटबाजी के बाद क्या समाजवादी पार्टी इस चुनाव में जीत दर्ज कर पाएगी या नहीं। 

 

 

 

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