Edited By Pooja Gill,Updated: 10 Sep, 2024 08:44 AM
69000 teachers recruitment Case: उच्चतम न्यायालय ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के उस आदेश पर सोमवार को रोक लगा दी, जिसमें उत्तर प्रदेश सरकार को राज्य में 69,000 सहायक शिक्षकों की नयी चयन सूची तैयार करने को कहा गया था...
69000 teachers recruitment Case: उच्चतम न्यायालय ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के उस आदेश पर सोमवार को रोक लगा दी, जिसमें उत्तर प्रदेश सरकार को राज्य में 69,000 सहायक शिक्षकों की नयी चयन सूची तैयार करने को कहा गया था। शीर्ष अदालत ने जून 2020 और जनवरी 2022 में जारी शिक्षकों की चयन सूचियों को रद्द करने संबंधी उच्च न्यायालय के आदेश पर भी रोक लगा दी, जिनमें 6,800 अभ्यर्थी शामिल थे। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में अब 23 सितंबर को अगली सुनवाई होगी। जिससे दोनों पक्षों यानी आरक्षित व अनारक्षित दोनों वर्ग के अभ्यर्थियों को न्याय की उम्मीद है।
अभ्यर्थी फिर शुरू करेंगे आंदोलन
आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट का अंतिम निर्णय आने तक आंदोलन जारी रखने का निर्णय लिया है। वे आज यानी मंगलवार से फिर आंदोलन की शुरुआत करेंगे। पहले अभ्यर्थियों ने 9 सितंबर तक आंदोलन को स्थगित कर दिया था। आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों का नेतृत्व कर रहे अमरेंद्र पटेल ने कहा कि 13 अगस्त को इलाहाबाद हाईकोर्ट की डबल बेंच ने आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के हित में फैसला सुनाया है, लेकिन सरकार की हीलाहवाली से यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। आरक्षण नियमों के पालन की लड़ाई हम जारी रखेंगे। कहा, हमें सुप्रीम कोर्ट से न्याय की पूरी उम्मीद है।
23 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट का निर्णय हमारे पक्ष में ही होगा: अभ्यर्थी
बता दें कि शीर्ष अदालत ने जून 2020 और जनवरी 2022 में जारी शिक्षकों की चयन सूचियों को रद्द करने संबंधी उच्च न्यायालय के आदेश पर भी रोक लगा दी, जिनमें 6,800 अभ्यर्थी शामिल थे। पीठ ने कहा कि वह याचिका पर सुनवाई 23 सितंबर से शुरू होने वाले सप्ताह में तय करेगी। वहीं, चयनित अभ्यर्थी प्रत्यूष चंद्र मिश्र ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला हमारे हक में आया है। हाईकोर्ट में हम पार्टी नहीं थे जिसका फायदा आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को मिला। बार-बार कोर्ट को राज्यस्तरीय मेरिट बताकर गुमराह किया गया। हमने सुप्रीम कोर्ट में बताया कि यह भर्ती जिला स्तरीय है। हमारा नियोक्ता बीएसए है और आरक्षण भी जिला स्तरीय है। 23 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट का निर्णय हमारे पक्ष में ही होगा।