यूपी में घुसपैठियों का खेल खत्म! योगी सरकार बना रही बायोमेट्रिक प्रोफाइल और निगेटिव लिस्ट

Edited By Ramkesh,Updated: 10 Dec, 2025 02:33 PM

the game of infiltrators is over in up the yogi government is creating biometri

उत्तर प्रदेश सरकार रोहिंग्या और बांग्लादेशी नागरिकों सहित घुसपैठिये की पहचान करने, उन्नत प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर उनकी प्रोफाइल (हाईटेक प्रोफाइल) बनाने और बाद में उन्हें उनके देश वापस भेजने के लिए एक व्यापक कार्य योजना पर काम कर रही है।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार रोहिंग्या और बांग्लादेशी नागरिकों सहित घुसपैठिये की पहचान करने, उन्नत प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर उनकी प्रोफाइल (हाईटेक प्रोफाइल) बनाने और बाद में उन्हें उनके देश वापस भेजने के लिए एक व्यापक कार्य योजना पर काम कर रही है। राज्य सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। अधिकारी ने कहा कि घुसपैठियों के दोबारा प्रवेश को रोकने के लिए एक विस्तृत ‘बायोमेट्रिक डेटाबेस' और देश भर में एक नकारात्मक सूची बनाने का प्रस्ताव है।

एडवांस्ड डॉक्यूमेंट-स्कैनिंग सिस्टम' का होगा इस्तेमाल 
अधिकारी ने को बताया कि प्रस्तावित कार्य योजना पर अभी काम किया जा रहा है। उसके तहत पहचान के दावों को सत्यापित करने और यह पता लगाने के लिए कि संदिग्ध घुसपैठिये राज्य में कितने समय से रह रहे हैं, उनके चेहरे की पहचान, ‘फिंगरप्रिंट मैपिंग' और ‘एडवांस्ड डॉक्यूमेंट-स्कैनिंग सिस्टम' जैसी अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करने की बात कही गई है। उन्होंने कहा, ‘‘व्यापक सत्यापन अभियान के तहत देश में गैरकानूनी तरीके से रह रहे लोगों की एक पूरी प्रोफाइल तैयार करने का विचार है। इसमें बायोमेट्रिक तथा सभी दस्तावेजों का सत्यापन शामिल होगा।

सघन सत्यापन अभियान चला रही सरकार 
उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल में रोहिंग्या और बांग्लादेशियों समेत गैर-कानूनी तरीके से भारत में रह रहे लोगों की पहचान करने तथा उन्हें वापस भेजने के लिए सघन सत्यापन अभियान चलाने के निर्देश जारी किए हैं। अधिकारी ने बताया कि सरकार गैर कानूनी तरीके से भारत में रह रहे लोगों की एक नकारात्मक सूची बनाने का विचार कर रही है जिसे दूसरे राज्यों और केंद्रीय एजेंसियों के साथ साझा किया जा सकता है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि ऐसे लोग जाली पहचान दस्तावेजों का इस्तेमाल करके उत्तर प्रदेश या देश के किसी भी अन्य हिस्से में दोबारा दाखिल ना हो सकें। 

जाली दस्तावेजों की होगी पहचान 
अधिकारी ने कहा कि सभी संदिग्ध नकली पहचान कार्ड, जिसमें आधार से जुड़े दस्तावेज भी शामिल हैं, को ‘हाई-टेक स्कैनिंग' और मौजूदा डेटाबेस के साथ सत्यापित करने का भी प्रस्ताव है ताकि जाली दस्तावेजों की पहचान की जा सके और ऐसे दस्तावेज तैयार करने में शामिल नेटवर्क को खत्म किया जा सके। अधिकारी ने कहा, ‘‘जरूरत सिर्फ अवैध घुसपैठियों की पहचान करने पर ही नहीं है, बल्कि उनकी जवाबदेही तय करने और उन लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने पर भी है जो उन्हें जाली दस्तावेज दिलाने में मदद करते हैं।

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