Edited By Anil Kapoor,Updated: 03 Oct, 2024 08:10 AM
Prayagraj News: अभी तक आपने कहानी और किस्सों में सुना होगा की चोर ने भगवान की मूर्ति चोरी की फिर उसके बाद चोर को पछतावा हुआ और उसने मूर्ति को मंदिर में वापस रख दिया और एक चिट्ठी लिख कर चोरी के लिए माफी मांगी। यह कोई कहानी और किस्सा नहीं है। ना ही...
Prayagraj News: (सैय्यद रजा) अभी तक आपने कहानी और किस्सों में सुना होगा की चोर ने भगवान की मूर्ति चोरी की फिर उसके बाद चोर को पछतावा हुआ और उसने मूर्ति को मंदिर में वापस रख दिया और एक चिट्ठी लिख कर चोरी के लिए माफी मांगी। यह कोई कहानी और किस्सा नहीं है। ना ही कोई काल्पनिक फिल्मी कहानी है। यह तो एक सच है।
चोर ने चुराई राधा-कृष्ण की अष्टधातु की मूर्ति
मिली जानकारी के मुताबिक, एक ऐसी ही घटना प्रयागराज जिले में घटित हुई है। प्रयागराज के श्रीगवेरपुर इलाके में गऊघाट के समीप श्रीराधा कृष्ण मंदिर से 10 दिन पूर्व एक चोर अष्ट धातु की मूर्ति मौका पाते ही अंधेरे का फायदा उठाते हुए हाथ साफ कर फरार हो गया। घटित वारदात के बाद उक्त मंदिर के पुजारी ने अन-जल त्याग देने की घोषणा कर दी थी। इसके साथ ही संबंधित पुलिस हर हाल में मंदिर से चोरी हुई श्री राधा कृष्ण जी की मूर्ति को बरामद करने के लिए प्रयास करने में जुटी हुई थी।
चोर का जागा ईमान, रात के अंधेरे में माफीनामा लिखकर वापस लौटाई मूर्ति
हालांकि पुलिस चोरी हुई मूर्ति को बरामद तो नहीं कर पाई, लेकिन जिस दिन से उक्त चोर द्वारा मूर्ति चोरी की गई थी, उसी दिन से चोर को भयानक और डरावने सपने आने लगे। इतना ही नहीं उसके बेटे की तबीयत तक खराब हो गई और वह परेशान हो गया। उक्त चोर को समझने में देरी नहीं लगी कि वह भगवान की मूर्ति को मंदिर से चोरी करने पर उसको उसकी करनी का फल धीरे-धीरे मिलना शुरू हो गया था। चोर का इमान जागा और उसने मूर्ति को मंदिर से थोड़ी दूर पर एक स्थान पर सुरक्षित रखते हुए एक पत्र लिखकर भी उसमें छोड़ दिया। चोर पत्र के माध्यम से अपने किए गए कृतियों एवं कार्यों के लिए माफी मांगी है।