चिन्मयानंद पहुंचे जेल: पीड़िता ने पुलिस पर मामले को कमजोर करने का लगाया आरोप

Edited By Ajay kumar,Updated: 21 Sep, 2019 10:04 AM

chinmayanand arrives in jail victim accuses police of weakening the case

कानून की छात्रा से दुष्कर्म के आरोपी स्वामी चिन्मयानंद प्रकरण में विशेष जांच दल (एसआईटी) ने शुक्रवार सुबह स्वामी को उनके आश्रम से गिरफ्तार कर लिया जबकि उनसे रंगदारी की मांग करने के सिलसिले में तीन अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार किया गया है।

शाहजहांपुर (उप्र): कानून की छात्रा से दुष्कर्म के आरोपी स्वामी चिन्मयानंद प्रकरण में विशेष जांच दल (एसआईटी) ने शुक्रवार सुबह स्वामी को उनके आश्रम से गिरफ्तार कर लिया जबकि उनसे रंगदारी की मांग करने के सिलसिले में तीन अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार किया गया है। एसआईटी ने चिन्मयानंद को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत के समक्ष पेश किया और अदालत ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। चिन्मयानंद ने जिला कारागार में सामान्य बंदियों की तरह दोपहर में दाल, सब्जी और रोटी खाई। सुरक्षा की दृष्टि से उन्हें सुरक्षित बैरक में रखा गया है। 
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बलात्कारी को मर्सिडीज में बैठाकर जेल भेजा गया: पीड़िता
उधर, पीड़िता ने संवाददाताओं से कहा कि बलात्कारी को मर्सिडीज में बैठाकर जेल भेजा गया है। ''हमें खुशी नहीं है और मेरी कुछ समझ में नहीं आ रहा है कि यह सब क्या हो रहा है।'' पीड़िता ने कहा, ''मेरे साथ बलात्कार हुआ है। ऐसे में जिस दिन मैं विशेष जांच दल (एसआईटी) के पास बयान देने गई थी, उसी दिन मैंने कहा था कि मेरे साथ स्वामी चिन्मयानंद ने बलात्कार किया है फिर धारा-376 क्यों नहीं लगाई गई। यह केवल फॉर्मेलिटी (औपचारिकता) अदा की गई है। जिस लड़की के साथ बलात्कार हुआ, उसे न्याय नहीं दिया जा रहा है बल्कि स्वामी चिन्मयानंद को मर्सिडीज में बैठा कर जेल भेजा जा रहा है।''
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SIT ने स्वामी को दिव्य धाम से किया गिरफ्तार
चिन्मयानंद के वकील ने हालांकि स्वामी के खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए उन्हें लखनऊ के किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) के अस्पताल में भेजने का निवेदन किया। एसआईटी ने स्वामी को मुमुक्षु आश्रम स्थित दिव्य धाम से सुबह आठ बजकर 50 मिनट पर गिरफ्तार किया। इस दौरान एसआईटी के साथ भारी संख्या में स्थानीय पुलिस बल मौजूद रहा। 
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स्वामी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया- DGP
उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओ पी सिंह ने लखनऊ में कहा, ''चिन्मयानंद को आज सुबह उनके आश्रम से एसआईटी ने गिरफ्तार किया है। एसआईटी ने उनका मेडिकल परीक्षण कराया। बाद में उन्हें अदालत ले जाया गया, जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया । उनके साथ ही तीन अन्य लोगों को चिन्मयानंद से रंगदारी मांगने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है । स्वामी को बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। तीन अन्य युवकों को भी 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया है।''

धारा 376 की जगह धारा 376-सी लगाई गई जो अपेक्षाकृत कम गंभीर धारा है
डीजीपी ने चिन्मयानंद को बलात्कार के मामले में गिरफ्तार करने की बात कही है। दुष्कर्म की धारा (376) के तहत दोषी पाए जाने पर आरोपी को आजीवन कारावास की सजा हो सकती है। एसआईटी प्रमुख पुलिस महानिरीक्षक नवीन अरोड़ा ने एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि चिन्मयानंद पर भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत कार्रवाई की गयी है। हालांकि इनमें धारा 376 की जगह धारा 376-सी लगाई गई है जो अपेक्षाकृत कम गंभीर धारा है। अभियोजन अधिकारी कुलदीप सिंह ने बताया कि चिन्मयानंद के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा-376 सी, 345-डी, 342 और 506 के तहत मामला दर्ज किया गया है । 

IPC की 'धारा-376 सी' में क्या है दण्ड का प्रावधान?
आईपीसी की 'धारा-376 सी' के तहत कोई अधिकारी, लोकसेवक, जेल, रिमांड होम, अभिरक्षा के किसी अन्य स्थान, स्त्रियों या बालकों की संस्था का अधीक्षक या प्रबंधक या अस्पताल का कर्मचारी होते हुए, ऐसी किसी स्त्री को, जो उसकी अभिरक्षा में है या परिसर में उपस्थित है, शारीरिक संबंध बनाने के लिए उत्प्रेरित करने लिए ऐसी स्थिति का दुरूपयोग करेगा, तो उस व्यक्ति को पांच साल या दस साल के कारावास की सजा से दण्डित किया जायेगा और जुर्माना भी लगाया जाएगा ।

धारा-345 डी में 3 साल की सजा का प्रावधान
धारा-345 डी में लड़की या महिला का पीछा करने और संपर्क करने का प्रयास करने यानी स्टॉकिंग की स्थिति में तीन साल की सजा का प्रावधान है । धारा-342 में व्यवस्था है कि जो भी कोई किसी व्यक्ति को ग़लत तरीके से प्रतिबंधित करेगा तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास की सजा, जिसे एक वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है या एक हजार रुपए तक का आर्थिक दण्ड या दोनों से दण्डित किया जाएगा। धारा-506 आपराधिक धमकी वाला प्रावधान करती है, जिसके तहत दो साल कारावास या आर्थिक दंड या दोनों की सजा हो सकती है।
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अपने कृत्य के लिए शर्मिन्दा हूं- चिन्मयानंद
अरोड़ा ने बताया कि मसाज (मालिश) की वीडियो क्लिपिंग भी चिन्मयानंद को दिखायी गयी, जिस पर चिन्मयानंद ने कहा, ''जब आपको सब पता ही चल गया है तो मुझे कुछ नहीं कहना। मैं अपना अपराध स्वीकारता हूं और अपने कृत्य के लिए शर्मिन्दा हूं।'' 

संजय, सचिन और विक्रम को जेल भेजा गया
एसआईटी प्रमुख ने बताया कि संजय सिंह, सचिन सेंगर, विक्रम उर्फ दुर्गेश और एक अनाम शख्स (मिस ए) के खिलाफ भी आईपीसी और आईटी एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है । संजय, सचिन और विक्रम को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है । अरोड़ा ने बताया कि एक जनवरी 2019 से लड़की ने संजय से लगभग 4200 बार फोन पर बात की जबकि उसने चिन्मयानंद से लगभग 200 बार बात की।


चिन्मयानंद ने भोजन में दाल, सब्जी और रोटी खाई: जेल अधीक्षक
उधर, जेल अधीक्षक राकेश कुमार ने फोन पर बताया कि स्वामी को सुबह 11 बजकर 35 मिनट पर कोतवाली थाने के दारोगा राजकुमार लेकर आए थे जबकि रंगदारी मांगने वाले संजय समेत तीन आरोपियों को दोपहर दो बजकर 55 मिनट पर जेल में दाखिल किया गया है । कुमार ने बताया कि स्वामी चिन्मयानंद ने सभी कैदियों की तरह दोपहर के भोजन में दाल, सब्जी और रोटी खाई है। फिलहाल सुरक्षा के लिहाज से उन्हें सुरक्षित बैरक में रखा गया है। उन्होंने बताया कि संजय और उसके दो साथियों को स्वामी से अलग रखा गया है।
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चिन्मयानंद बलात्कारी है, उनके साथ योगी का नाम नहीं जोड़ना चाहिए:पीड़िता 
उधर पीड़िता ने पत्रकारों से कहा, ''...चिन्मयानंद गलत है और गलत के साथ सरकार को सहयोगी नहीं बनना चाहिए।'' पीड़िता ने कहा, ''(मुख्यमंत्री) योगी (आदित्यनाथ) अच्छे व्यक्ति हैं । आज उन्हीं के कारण यह सब संभव हुआ है लेकिन दुख है कि योगी के साथ चिन्मयानंद का नाम जुड़ गया। चिन्मयानंद बलात्कारी हैं और उनके साथ योगी का नाम नहीं जोड़ना चाहिए।''
PunjabKesari मामले को कमजोर करने के लिए फिरौती का वीडियो किया गया वायरल-पीड़िता  
पीड़िता  से जब सवाल किया गया कि चिन्मयानंद ने एसआईटी से कहा है कि अपने किये पर वह शर्मिन्दा हैं, तो उसने कहा, ''ठीक है कि चिन्मयानंद ने स्वीकार कर लिया है। चिन्मयानंद मुझे मालिश के लिए बुलाता था और कपड़े उतारने के लिए बोलता था।'' पीड़िता  का कहना है कि उसे संजय नाम का लड़का ले गया था । उसने वहां क्या प्लानिंग (योजना) की, यह उसे नहीं मालूम। उसने रंगदारी को लेकर आये वीडियो के बारे में कहा कि वह वीडियो उसका नहीं है और ना ही फिरौती से उसका कोई मतलब है। पीड़िता ने दावा किया कि उसके मामले को कमजोर करने के लिए फिरौती का वीडियो वायरल किया गया है । पीड़िता ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के संज्ञान में पूरा मामला है । अभी 23 सितंबर को इलाहाबाद में तारीख लगी है इसलिए उसे भरोसा है कि पुलिस चाहे जो कुछ करे, 23 तारीख को उसके साथ न्याय होगा ।
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कानून ने अपना काम पहले दिन से किया-सिध्दार्थनाथ सिंह 
इस बीच प्रयागराज में राज्य के कैबिनेट मंत्री सिध्दार्थनाथ सिंह ने कहा कि कानून ने अपना काम पहले दिन से किया। उच्च्तम न्यायालय ने भी इस मामले का संज्ञान लिया है । जांच के बाद जो भी चीज सामने आई उस आधार पर कार्रवाई की गयी । 
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प्रियंका गांधी ने साधा निशाना
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया, ''भाजपा सरकार की चमड़ी इतनी मोटी है कि जब तक पीड़िता को यह न कहना पड़े कि मैं आत्मदाह कर लूंगी, तब तक सरकार कोई एक्शन नहीं लेती।'' चिन्मयानंद की गिरफ्तारी को एसआईटी ने बेहद गोपनीय रखा था। एसआईटी जब स्वामी चिन्मयानंद को गिरफ्तार करने गई तो एक दर्जन से अधिक गाड़ियों का काफिला उनके साथ था । एसआईटी के पहुंचने से पहले मुमुक्षु आश्रम के सभी गेटों पर पुलिस तैनात कर दी गई थी। स्वामी चिन्मयानंद की अधिवक्ता पूजा सिंह ने ‘पीटीआई भाषा' को बताया कि चिन्मयानंद को एसआईटी ने गिरफ्तार कर लिया है । 

पूजा सिंह ने SIT पर आरोप लगाया
एसआईटी ने स्वामी के सगे संबंधियों से गिरफ्तारी मेमो पर हस्ताक्षर भी कराए हैं । राजकीय मेडिकल कॉलेज में चिन्मयानंद का स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया । पूजा सिंह ने एसआईटी पर आरोप लगाया कि उन्होंने आरोपपत्र की प्रति, एफआईआर की प्रति सहित तमाम दस्तावेज मांगे थे लेकिन एसआईटी ने वे दस्तावेज उन्हें मुहैया नहीं कराये। इससे पहले चिन्मयानंद को गुरुवार को स्वास्थ्य खराब होने के कारण शाहजहांपुर के मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था, जहां हालत ज्यादा खराब होने के चलते उन्हें डॉक्टरों ने केजीएमसी लखनऊ के लिए रेफर किया परंतु चिन्मयानंद अपना इलाज आयुर्वेद से कराने की बात कहकर मेडिकल कॉलेज से अपने आश्रम लौट गए थे।

क्या है मामला?
उल्लेखनीय है कि स्वामी शुकदेवानंद विधि महाविद्यालय में पढ़ने वाली एलएलएम की छात्रा ने 24 अगस्त को एक वीडियो वायरल कर स्वामी चिन्मयानंद पर शारीरिक शोषण तथा कई लड़कियों की जिंदगी बर्बाद करने के आरोप लगाए थे एवं उसे तथा उसके परिवार को जान का खतरा बताया था । इस मामले में पीड़िता के पिता की ओर से कोतवाली शाहजहांपुर में अपहरण और जान से मारने की धाराओं में स्वामी चिन्मयानंद के विरुद्ध मामला दर्ज कराया गया था। इससे एक दिन पहले स्वामी चिन्मयानंद के अधिवक्ता ओम सिंह ने पांच करोड़ रुपए रंगदारी मांगने का भी मुकदमा दर्ज कराया था।

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