22 दिन तक मृत बच्चे का इलाज करते रहे डॉक्टर, अस्पताल ने वसूले लाखों; माता-पिता ने बेचा घर और गहने

Edited By Anil Kapoor,Updated: 15 Jul, 2025 02:57 PM

basti news doctors kept treating a dead child for 22 days

Basti News: उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। जहां एक निजी अस्पताल पर 22 दिन तक एक मृत नवजात शिशु का इलाज दिखाकर उसके परिवार से लाखों रुपए ठगने का आरोप लगा है। इस मामले ने फिल्म 'गब्बर' की याद दिला दी, जिसमें भी...

Basti News: उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। जहां एक निजी अस्पताल पर 22 दिन तक एक मृत नवजात शिशु का इलाज दिखाकर उसके परिवार से लाखों रुपए ठगने का आरोप लगा है। इस मामले ने फिल्म 'गब्बर' की याद दिला दी, जिसमें भी कुछ ऐसा ही दिखाया गया था – जहां एक मृत व्यक्ति का इलाज चलाकर अस्पताल परिजनों से पैसे वसूलता रहा।

क्या है पूरा मामला?
परिजनों के मुताबिक, मासूम बच्चा गंभीर रूप से बीमार था, जिसे इलाज के लिए जिले के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। शुरू में इलाज आयुष्मान भारत कार्ड से शुरू किया गया, लेकिन बाद में अस्पताल प्रबंधन ने कार्ड से इलाज बंद करवा कर नकद भुगतान की मांग शुरू कर दी।

22 दिन तक इलाज का दिखावा
परिवार का आरोप है कि अस्पताल ने बच्चे की मौत हो जाने के बाद भी उसे आईसीयू में रखा और झूठा इलाज दिखाता रहा। इलाज के नाम पर परिवार से करीब 2 लाख रुपए वसूल लिए गए। जब बच्चे की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ, तो परिजनों ने डॉक्टरों से कई बार किसी बड़े अस्पताल में रेफर करने की अपील की, लेकिन डॉक्टरों ने उनकी बात नहीं मानी। उन्हें सिर्फ पैसे की चिंता थी, ना कि बच्चे की जान की।

मजबूरी में बिके गहने और गिरवी रखी जमीन
बच्चे के माता-पिता ने अपने बेटे की जान बचाने के लिए सब कुछ दांव पर लगा दिया। जब पैसे खत्म हो गए तो उन्होंने अपनी जमीन गिरवी रख दी। यहां तक कि मां को अपने शरीर के गहने बेचने पड़े ताकि इलाज का खर्च चुकाया जा सके। परिवार का कहना है कि अगर डॉक्टर समय रहते रेफर कर देते, तो शायद उनका बच्चा बच जाता। लेकिन डॉक्टर और अस्पताल प्रशासन को केवल पैसों की फिक्र थी।

प्रशासन ने क्या कहा?
इस पूरे मामले को लेकर जब सीएमओ (मुख्य चिकित्सा अधिकारी) राजीव निगम से बात की गई, तो उन्होंने कहा कि यदि इस संबंध में शिकायत प्राप्त होती है, तो एक जांच टीम बनाई जाएगी और कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

खड़े होते हैं सवाल 
- क्या अस्पताल में कोई मॉनिटरिंग सिस्टम नहीं है जो ऐसे मामलों को समय रहते रोक सके?
- अगर बच्चा मर चुका था, तो उसका इलाज क्यों जारी रखा गया?
- आयुष्मान योजना के तहत इलाज शुरू होने के बाद बीच में उसे रोक कर नकद पैसे क्यों लिए गए?

अब उम्मीद है न्याय की
परिवार को अब प्रशासन और न्याय व्यवस्था से उम्मीद है कि उन्हें इंसाफ मिलेगा और जो डॉक्टर और अस्पताल इस अमानवीय कृत्य के लिए जिम्मेदार हैं, उन्हें सजा मिलेगी।

Related Story

Trending Topics

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!