ऋचा पटेल मामला: शर्त को लेकर वकीलों ने जताई नाराजगी, किया कोर्ट का बहिष्कार

Edited By Jagdev Singh,Updated: 17 Jul, 2019 05:22 PM

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ऋचा पटेल के मामले को लेकर रांची कोर्ट के वकीलों में भी काफी नाराजगी देखने को मिली। इस दौरान वकीलों ने बधुवार को न्यायिक दंडाधिकारी मनीष कुमार सिंह की कोर्ट का बहिष्कार किया। वहीं वकीलों ने कोर्ट के आदेश पर सवाल उठाते हुए कहा कि देश में यह पहला मामला...

रांची: ऋचा पटेल के मामले को लेकर रांची कोर्ट के वकीलों में भी काफी नाराजगी देखने को मिली। इस दौरान वकीलों ने बधुवार को न्यायिक दंडाधिकारी मनीष कुमार सिंह की कोर्ट का बहिष्कार किया। वहीं वकीलों ने कोर्ट के आदेश पर सवाल उठाते हुए कहा कि देश में यह पहला मामला सामने आया है, जिसमें इस तरह की शर्त कोर्ट ने लगाई है। इस फैसले से धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं।

रांची जिला बार काउंसिल के जनरल सेक्रेटरी कुंदन प्रकाश ने कहा कि कोर्ट का यह आदेश संवैधानिक ढांचे में उचित नहीं है। कोर्ट शर्त लगाने के लिए स्वतंत्र है, लेकिन इस तरह की शर्त गलत है। कुंदन प्रकाश ने कहा कि ये मामला अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चला गया है। ऐसा कोई काम नहीं करना चाहिए, जिससे कोई आहत हो।


मामला अंतराष्ट्रीय स्तर पर चला जाए। इस तरह के मामले से न्यायपालिका की गरिमा गिरती है। हमलोग इसे बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं। इसलिए हम आदेश का नहीं, शर्त का विरोध कर रहे हैं। अधिवक्ता संजय कुमार ने पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि पोस्ट शेयर करने पर इतनी जल्द कार्रवाई क्यों की गई। जांच होती, छात्रा को पक्ष रखने का मौका दिया जाता। बिना पक्ष सुने एक छात्रा को जेल भेज दिया गया। ये कहीं भी न्यायसंगत नहीं है।

रांची के पिठोरिया की छात्रा ऋचा पटेल ने सोशल मीडिया पर धार्मिक पोस्ट किया था। इसके बाद अंजुमन इस्लामिया (पिठोरिया) के प्रमुख मंसूर खलीफा ने रांची के पिठोरिया थाने में 12 जुलाई को प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इसमें उन्होंने ऋचा पर मुस्लिम समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया। इसके बाद पिठोरिया पुलिस ने शुक्रवार की शाम को ऋचा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।

इस मामले में सोमवार को न्यायिक दंडाधिकारी मनीष कुमार सिंह की अदालत ने कुरान की 5 प्रतियां बांटने की शर्त पर ऋचा को जमानत दी थी। कोर्ट ने यह भी कहा था कि पिठोरिया पुलिस के संरक्षण में मंगलवार शाम तक ऋचा कुरान की एक प्रति अंजुमन इस्लामिया के सदर मंसूर खलीफा को देगी। बाकी 4 विभिन्न शिक्षण संस्थानों में बांटेगी। इसके लिए ऋचा को 15 दिन का समय दिया गया है।

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