Edited By Nitika,Updated: 25 Nov, 2021 11:06 AM
उत्तराखंड की एक अदालत ने दरांती से मां की निर्ममतापूर्वक गर्दन काटकर धड़ से अलग करने के मामले में दोषी कलयुगी पुत्र को अलग-अलग धाराओं में फांसी और आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
नैनीतालः उत्तराखंड की एक अदालत ने दरांती से मां की निर्ममतापूर्वक गर्दन काटकर धड़ से अलग करने के मामले में दोषी कलयुगी पुत्र को अलग-अलग धाराओं में फांसी और आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
नैनीताल के प्रथम अपर जिला न्यायाधीश प्रीतू शर्मा ने मामले की सुनवाई के बाद आरोपी पुत्र को यह सजा सुनाई। जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) सुशील कुमार शर्मा ने बताया कि 2 साल पहले सात अक्टूबर, 2019 को हल्द्वानी के चोरगलिया स्थित उदयपुर रैक्वाल क्वीरा फार्म में सोबन सिंह की पत्नी जौमती देवी की गला काटकर निर्ममतापूर्वक हत्या कर दी गई थी। सोबन सिंह ने हत्या का आरोप अपने पुत्र डिगर सिंह पर मढ़ा था। पंजीकृत अभियोग में आरोप लगाया कि मां व बेटे में किसी बात को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया।
इसी दौरान बेटे डिगर ने दराती से मां के गले पर कई वार किए और सिर को धड़ से अलग कर दिया। इससे मौके पर उसकी मौत हो गई। इस मामले में कई गवाह पेश हुए और उन्होंने घटना की प्रत्यक्षदर्शी कहानी अदालत को सुनाई। गवाहों ने बताया कि घटना के दौरान आरोपी ने अपनी मां के बाल पकड़ रखे थे और गले पर दराती से लगातार वार कर रहा था। इस मामले में मृतक की बहू देवकी के बयान भी अहम साबित हुए और उसने बताया कि घटना के दौरान उसके देवर डिगर ने घर के आंगन में अपनी मां की गला काटकर हत्या कर दी।
अदालत में सजा को लेकर लंबी बहस हुई। अभियोजन पक्ष ने इस घटना को जघन्य से जघन्यतम करार देते हुए कहा कि यहां सिर्फ मां का कत्ल नहीं किया बल्कि उस भरोसे का भी कत्ल हुआ है, जो मां व बेटे के पवित्र रिश्ते के बीच होता है। अभियोजन पक्ष की ओर से इस मामले में फांसी की सजा की मांग की गई। इसके बाद अदालत ने डिगर को दोषी पाते हुए अलग-अलग धाराओं में फांसी की सजा के साथ ही आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।