Edited By Pooja Gill,Updated: 22 Nov, 2024 03:37 PM
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। योगी ने यहां एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के ‘वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर' में विश्व के...
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। योगी ने यहां एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के ‘वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर' में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25 वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘‘समिट ऑफ द फ्यूचर'' में दिए गए संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। योगी ने कहा, ‘‘युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है।''
सीएम योगी ने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री ने 'वसुधैव कुटुंबकम' के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। यहां जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार, कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीशों और प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने को लेकर नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे और यह (समारोह) संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है। योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।