Edited By Pooja Gill,Updated: 01 Dec, 2024 02:34 PM
अंतरिक्ष में अपनी छाप छोड़ने के लिए दो भारतीयों ने अमेरिका में अपने प्रशिक्षण का आरंभिक चरण पूरा कर लिया है। भारतीय गगनयात्रियों ने एक्सिओम-4 मिशन के लिए यह प्रशिक्षण लिया है। इसरो ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) के एक्सिओम-4 मिशन...
लखनऊ : अंतरिक्ष में अपनी छाप छोड़ने के लिए दो भारतीयों ने अमेरिका में अपने प्रशिक्षण का आरंभिक चरण पूरा कर लिया है। भारतीय गगनयात्रियों ने एक्सिओम-4 मिशन के लिए यह प्रशिक्षण लिया है। इसरो ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) के एक्सिओम-4 मिशन के लिए दो भारतीय चुने गए हैं। जिनमें लखनऊ का लाल शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष भेदने को तैयार है।
दो भारतीय गगनयात्री अंतरिक्ष भेदने को तैयार
एक्सिओम-4 मिशन के लिए चुने गए भारतीयों में प्रशांत बालकृष्णन नायर और शुभांशु शुक्ला शामिल हैं। दोनों का प्रशिक्षण पूरी तरह सफल रहा है। लखनऊ के शुभांशु शुक्ला प्राइम ग्रुप कैप्टन होने के साथ-साथ दो हजार घंटे की उड़ान अनुभव के साथ वे प्रशिक्षित फाइटर कॉम्बैट लीडर भी हैं। वहीं प्रशांत बालकृष्णन बैकअप ग्रुप कैप्टन हैं। प्रशांत बालकृष्णन नायर केरल के रहने वाले हैं। प्राइम का मतलब है कि शुभांशु अंतरिक्ष स्टेशन जाएंगे, पर किसी वजह से न जा सके तो नायर प्रशांत जाएंगे।
मिशन गगनयान मॉड्यूल पर हुई ट्रेनिंग
इसरो और नासा के संयुक्त लक्ष्य वाले मिशन के लिए चयनित इन गगनयात्रियों ने अगस्त, 2024 के पहले हफ्ते से अमेरिका में प्रशिक्षण शुरू किया था। दोनों भारतीय गगनयात्रियों ने एक्सिओम-4 मिशन से संबंधित जमीन पर मौजूद सुविधा केंद्रों का भ्रमण, प्रक्षेपण चरणों का प्रारंभिक अवलोकन, स्पेसएक्स सूट की फिटिंग जांच और अंतरिक्ष भोजन विकल्पों का चयन जैसी गतिविधियों में हिस्सा लिया। बता दें कि दोनों भारतीय गगनयात्रियों की ट्रेनिंग का ज्यादातर हिस्सा भारत के महत्वाकांक्षी मिशन गगनयान मॉड्यूल पर केंद्रित रहा है।
आपात हालात से निपटने में सक्षम
इसरो ने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान दोनों गगनयात्रियों को स्पेसएक्स ड्रैगन अंतरिक्ष यान व अंतरिक्ष स्टेशन की प्रणालियों से अवगत कराया गया। इसके अलावा अंतरिक्ष में चिकित्सकीय आपात स्थितियों समेत विभिन्न प्रकार की आपात स्थितियों से निपटने की ट्रेनिंग भी दी गई।