Edited By Deepika Rajput,Updated: 06 Oct, 2019 01:58 PM
पान की बात की जाए और बनारसी पान की चर्चा न हो ऐसा मुमकिन नहीं है। फिल्मों से लेकर साहित्य तक बनारसी पान का ओहदा सबसे ऊपर रहा है। इसके मद्देनजर योगी सरकार राज्य को पान उत्पादन के क्षेत्र में अग्रणी बनाने की तैयारी में जुट गई है।
लखनऊः पान की बात की जाए और बनारसी पान की चर्चा न हो ऐसा मुमकिन नहीं है। फिल्मों से लेकर साहित्य तक बनारसी पान का ओहदा सबसे ऊपर रहा है। इसके मद्देनजर योगी सरकार राज्य को पान उत्पादन के क्षेत्र में अग्रणी बनाने की तैयारी में जुट गई है। योगी सरकार ने पान उत्पादकों की समस्याओं का निराकरण करने के साथ उन्हें तकनीकी प्रशिक्षण देने की व्यवस्था की है।
प्रदेश के उद्यान मंत्री श्रीराम चौहान ने बताया कि राज्य सरकार ने प्रदेश में पान उत्पादकों की समस्याओं का निराकरण करने के साथ ही उनको अन्य आवश्यक सुविधाएं सुलभ कराने की तैयारी की है। यूपी में व्यापारिक दृष्टिकोण से राज्य के कई जनपदों का पान आज भी पूरे देश में प्रसिद्ध है। पान की उत्पादकता मौसम के प्रभाव के कारण इससे पहले प्रभावित होती रही है, लेकिन राज्य सरकार ने इस ओर विशेष ध्यान केंद्रित किया है और उत्पादकों को हर संभव सहयोग प्रदान करने का निर्णय किया है। प्रदेश में पान की खेती प्रमुख रूप से महोबा, ललितपुर, बांदा, कानपुर, जौनपुर, प्रतापगढ़, सुल्तानपुर, रायबरेली, हरदोई, उन्नाव, लखनऊ, आजमगढ़, देवरिया, बस्ती, मिर्जापुर, बाराबंकी, वाराणसी एवं गोरखपुर जनपदों में होती है।
वर्तमान में उत्तर प्रदेश में 800 से 1000 हेक्टेयर में पान की खेती की जा रही है। पान की उन्नत खेती एवं इसके क्षेत्रफल को बढ़ाने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। प्रमुख कृषि उत्पादों में पान की खेती का प्रमुख स्थान है। कुछ इलाकों में यह उतना ही महत्वपूर्ण है जितना खाद्य या दूसरी नगदी फसलें हैं।