Edited By Anil Kapoor,Updated: 09 Feb, 2025 07:33 AM
Lucknow News: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बीते शनिवार को मुख्यमंत्री सहभागिता योजना के तहत एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। जिसमें अब हर गाय के लिए दैनिक भरण-पोषण भत्ता 30 रुपए से बढ़ाकर 50 रुपए कर दिया गया है। यह कदम गौवंश के कल्याण के लिए उठाया गया...
Lucknow News: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बीते शनिवार को मुख्यमंत्री सहभागिता योजना के तहत एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। जिसमें अब हर गाय के लिए दैनिक भरण-पोषण भत्ता 30 रुपए से बढ़ाकर 50 रुपए कर दिया गया है। यह कदम गौवंश के कल्याण के लिए उठाया गया है और इसका उद्देश्य निराश्रित मवेशियों को गोद लेने वाले लोगों की जीवनशैली में सुधार लाना है। यह घोषणा पशुपालन एवं डेयरी विकास विभाग की बैठक के बाद की गई, जिसमें विभाग के मंत्री धर्मपाल सिंह ने अध्यक्षता की।
हर परिवार को अधिकतम 4 गायें गोद लेने की अनुमति
मिली जानकारी के मुताबिक, इस योजना के तहत, अब तक 1,62,625 निराश्रित गायों को 1,05,139 लाभार्थियों को सौंपा गया है। हर परिवार को अधिकतम 4 गायें गोद लेने की अनुमति है। इस योजना में यह भी प्रस्तावित किया गया है कि राज्य सरकार युवाओं को गायों और दूध के महत्व के बारे में जागरूक करने के लिए स्कूली पाठ्यक्रम में गाय और मवेशी पालन को शामिल करने पर विचार कर रही है।
वर्तमान में राज्य में 7,713 गौशालाओं में 12 लाख से अधिक निराश्रित गायों की देखभाल की जा रही
बताया जा रहा है कि बैठक के दौरान गौ संरक्षण के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण तैयार किया गया। इसमें दूध उत्पादन बढ़ाने और गाय के गोबर और मूत्र के व्यावसायिक उपयोग को बढ़ावा देने के उपायों पर चर्चा की गई। इसके अलावा, कृषि विभाग के सहयोग से गौशालाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए वर्मीकम्पोस्ट इकाइयों की स्थापना की योजना भी बनाई गई है। ये इकाइयां खाद बनाने के लिए केंचुए पैदा करेंगी और जैविक खाद के लाइसेंसिंग और विपणन को सरल बनाने की योजना है। वर्तमान में राज्य में 7,713 गौशालाओं में 12 लाख से अधिक निराश्रित गायों की देखभाल की जा रही है।
यूपी सरकार ने गौ संरक्षण के लिए 543 बड़े केंद्रों के निर्माण को भी दी मंजूरी
आपको बता दें कि सरकार ने गौ संरक्षण के लिए 543 बड़े केंद्रों के निर्माण को भी मंजूरी दी है। इन केंद्रों की निर्माण लागत 120 लाख रुपए से बढ़ाकर 160.12 लाख रुपए कर दी गई है। इसके अलावा, मवेशियों की सुरक्षा में सुधार लाने के लिए रेडियम बेल्ट लगाए जा रहे हैं और गौ संरक्षण कोष का उपयोग कर गौशाला के आश्रय स्थलों में सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाएंगे। वहीं अब इस कदम से राज्य में गौ संरक्षण और मवेशियों के भरण-पोषण के लिए एक मजबूत ढांचा तैयार करने की उम्मीद है।