बोझ नहीं शान हैं बेटियां: बड़ी बेटी जज तो छोटी ने SDM बनकर पिता के सपनों को किया साकार

Edited By Umakant yadav,Updated: 16 Sep, 2020 12:44 PM

two promising daughters realize the dreams of soldier father first was judge

मन से अगर कोई आगे बढ़ने की ठान लें तो कोई भी लक्ष्य पाना उसके लिए मुश्किल नहीं है। उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के अवकाश प्राप्त कांस्टेबल की दो होनहार बेटियों ने इसे सच कर दिखाया है। पिता के सपने को पूरा करते हुए...

जौनपुर: मन से अगर कोई आगे बढ़ने की ठान लें तो कोई भी लक्ष्य पाना उसके लिए मुश्किल नहीं है। उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के अवकाश प्राप्त कांस्टेबल की दो होनहार बेटियों ने इसे सच कर दिखाया है। पिता के सपने को पूरा करते हुए बड़ी बेटी जज बनी थी और अब छोटी बेटी का भी चयन एसडीएम के पद हुआ है। दोनों बेटियों की कामयाबी से पूरा परिवार गदगद है और इलाके के लोग परिवार की दोनों बेटियों पर गर्व कर रहे हैं।

सेवानिवृत्ति के बाद भी बेटियों को करते रहे प्रोत्साहित
जौनपुर जिले के केराकत तहसील क्षेत्र के चकरारेत (नरहन) निवासी जयकिशोर सिंह पीएसी में कांस्टेबल के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। शुरू से ही उनकी इच्छा बेटियों को अफसर बनाने की थी। सेवानिवृत्ति के बाद बेटियों को बराबर प्रोत्साहित करते रहे और उनकी बेटी अंकिता सिंह गत वर्ष न्यायिक सेवा की परीक्षा पास कर अब जज बन गई और इस समय उनकी तैनाती आजमगढ़ में है जबकि दूसरी बेटी आकांक्षा सिंह ने पीसीएस-2018 की परीक्षा में 28वीं रैंक हासिल की है। उसका चयन एसडीएम पद पर हुआ है।

मैं खुशनसीब हूं, होनहार बेटियों पर मुझे नाज है: पिता
सिंह की पत्नी सावित्री सिंह भारतीय किसान यूनियन (सावित्री ग्रुप) की अध्यक्ष हैं। आकांक्षा सिंह ने स्नातक की शिक्षा आईटी कॉलेज लखनऊ से की है। उन्होंने सफलता का श्रेय माता-पिता के आशीर्वाद और मार्गदर्शन को दिया है। पिता जयकिशोर सिंह का कहना है कि बेटियों ने उनका सीना चौड़ा कर दिया है। मैं खुशनसीब हूं और ऐसी होनहार बेटियों पर मुझे नाज है।

 

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