Edited By Pooja Gill,Updated: 30 Nov, 2023 02:38 PM

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में अगले साल लोकसभा चुनाव 2024 होने वाले है। जिसमें जीत हासिल करने के लिए बसपा सुप्रीमो मायावती ने तैयारियां तेज कर दी है। इसी के मद्देनजर मायावती आज लखनऊ में अपने कार्यकर्ताओं के साथ एक बड़ी बैठक की। इसमें उन्होंने अकेले अपने दम...
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में अगले साल लोकसभा चुनाव 2024 होने वाले है। जिसमें जीत हासिल करने के लिए बसपा सुप्रीमो मायावती ने तैयारियां तेज कर दी है। इसी के मद्देनजर मायावती आज लखनऊ में अपने कार्यकर्ताओं के साथ एक बड़ी बैठक की। इसमें उन्होंने अकेले अपने दम पर चुनाव लड़ने के लिए कैडरों को तैयार रहने का आवाहन करते हुए कहा कि केन्द्र व उत्तर प्रदेश सरकार की जनविरोधी नीतियों एवं कार्यप्रणाली के कारण आम चुनाव में बहुकोणीय संघर्ष होने के पूरे आसार हैं, जिसमें बसपा की भूमिका अहम होने वाली है।

बता दें कि यूपी एवं उत्तराखण्ड में पार्टी की तैयारियों की समीक्षा बैठक में मायावती ने गुरुवार को कहा कि देश और यूपी समेत विभिन्न राज्य सरकारों की संकीर्ण, जातिवादी तथा जनविरोधी नीतियों एवं कार्यप्रणाली के कारण राजनीतिक हालात तेजी से बदल रहे हैं तथा ऐसे में किसी एक पार्टी का वर्चस्व नहीं होकर बहुकोणीय संघर्ष का रास्ता लोग चुनने को आतुर नजर आ रहे हैं। ऐसे में लोकसभा का अगला आम चुनाव दिलचस्प, संघर्षपूर्ण और व्यापक जनहित एवं देशहित में साबित होने की प्रबल संभावना है, जिसमें बसपा की भूमिका अहम होगी।

मायावती ने कहा कि ऐसे हालात में पार्टी समय-समय पर दिए जा रहे दिशा-निर्देशों पर ईमानदारी व निष्ठापूर्वक मेहनत करके अच्छा रिज़ल्ट हासिल किया जा सकता है। ऐसा होने पर बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के ‘आत्म सम्मान व स्वाभिमानी मूवमेन्ट' को न सिर्फ उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे देश में मज़बूती मिलेगी तथा समस्त ग़रीबों, वंचितों, शोषितों-पीड़ितों में से ख़ासकर सदियों से जातिवाद के शिकार दलित, आदिवासी व अन्य पिछड़े वर्गों के साथ-साथ धार्मिक अल्पसंख्यकों में से विशेषकर मुस्लिम समाज के करोड़ों लोगों को जुल्म-ज्यादती, द्वेष, भेदभाव व दूसरे दर्जे के नागरिक की तरह के सरकारी व्यवहार से मुक्ति मिल जाएगी।

'25 करोड़ लोगों के जीवन में छाई गरीबी, बेरोजगारी, पिछड़ेपन'
बसपा अध्यक्ष ने कहा कि इसके लिए विरोधी पाटिर्यों और उनकी सरकारों के साम, दाम, दण्ड, भेद आदि सभी किस्म के हथकण्डों को अपनी बहुजन एकता और एकजुटता तथा सत्ता की मास्टर चाबी प्राप्त करने की अपनी चाह/ललक को ठोस लोकतांत्रिक मजबूती प्रदान करना जरूरी होगा, जो ‘बहुजन समाज' के लिए मुश्किल काम नहीं है, क्योंकि ऐसा उन्होंने ख़ासकर यूपी में अनेको बार करके देश को दिखाया है। उन्होने कहा कि रोजी-रोजगार, सड़क, बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य, विकास, सुख-शान्ति, समृद्धि के ‘अच्छे दिन' को तरसते उत्तर प्रदेश के लगभग 25 करोड़ लोगों के जीवन में छाई गरीबी, बेरोजगारी, पिछड़ेपन व पलायन के दु:ख भरे जीवन की बात है। यह भाजपा के शासनकाल में भी लगातार जारी है, बल्कि वास्तविकता यह है कि पिछले वर्षों में लोगों का दु:ख-दर्द घटने के बजाय सरकारी वादों, दावों व घोषणाओं के विपरीत हालात और बिगड़े हैं तथा लोगों का जीवन त्रस्त हुआ है।