Edited By Pooja Gill,Updated: 21 Jul, 2025 03:29 PM

लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने संसद के आज से शुरु हुएमानसून सत्र में सत्ता पक्ष और विपक्ष से अपेक्षा की है कि महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी और भाषा विवाद जैसे सर्वसमाज से जुड़े मुद्दों पर सार्थक बहस होगी...
लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने संसद के आज से शुरु हुएमानसून सत्र में सत्ता पक्ष और विपक्ष से अपेक्षा की है कि महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी और भाषा विवाद जैसे सर्वसमाज से जुड़े मुद्दों पर सार्थक बहस होगी। मायावती ने लिखा ‘‘संसद का आज से शुरू हो रहा बहुप्रतीक्षित सत्र, पिछले सत्रों की तरह देशहित व जनहित के अहम और अति-ज़रूरी मुद्दों पर उचित एवं समुचित बहस तथा किसी बेहतर परिणाम के बिना ही, सरकार और विपक्ष के बीच टकराव, आरोप-प्रत्यारोप, हंगामा तथा देश के करोड़ों ग़रीब व अन्य मेहनतकश बहुजनों के थोड़े 'अच्छे दिन' की ओर सही से आगे बढ़ने के भरोसे के बेगै़र ज़्यादातर निराश करने वाला ना हो, इसकी सभी देशवासियों को चिन्ता स्वाभाविक।''
'देश के सर्वसमाज एवं बहुजनों का हित निहित है'
मायावती ने कहा, ‘‘वैसे भी देश के सामने ज़बरदस्त महंगाई, ग़रीबी व बेरोज़गारी, महिला असुरक्षा तथा ख़ासकर क्षेत्र व भाषा आदि को लेकर बढ़ता आपसी विवाद व हिंसक टकराव आदि के जनहित की समस्यायें के साथ ही आन्तरिक व बाहरी/सीमा सुरक्षा जैसी देशहित के मुद्दे लोगों की सुख-शान्ति व समृद्धि के संघर्ष को प्रभावित कर रहे हैं, तथा इन मामलों पर सार्थक बहस के आधार पर आगे की दीर्घकालीन ठोस नीति व रणनीति बनाकर उन पर अमल के लिए संसद का सुचारू रूप से संचालन जनता ज़रूरी समझती है, ताकि देश विकास व लोग तरक्की के रास्ते पर सही/आसानी से चल सके, जिसमें ही देश के सर्वसमाज एवं बहुजनों का हित निहित है।''
'जनता को विश्वास में लेकर आगे बढ़े तो यह उचित होगा'
बसपा अध्यक्ष ने कहा ‘‘इसके अलावा, विश्व के राजनीतिक व आर्थिक हालात जिस तेज़ी से लगातार नई करवटें बदल रहे हैं उसमें भारत सहित विभिन्न देशों के लोकतंत्र व उसकी संप्रभूता आदि को नई चुनौतियाँ एवं नया ख़तरा भी मंडलाने लगा है, जिसके प्रति भारत सरकार की अपनी राजनीतिक सजगता व कुशलता ही काफी नहीं है, बल्कि उसका सही से मुकाबला करने के लिए सरकार अगर विपक्ष के माध्यम से पूरे देश की जनता को विश्वास में लेकर आगे बढ़े तो यह उचित होगा। वास्तव में सरकार और विपक्ष दोनों पार्टी हित से ऊपर उठकर इन मुद्दों पर एकता बनायें, यही देश के बहुजनों की चाहत है।