Edited By Moulshree Tripathi,Updated: 20 May, 2020 05:41 PM
कोरोना संकट से बचने का एक बड़ा रास्ता है मास्क, सेनिटाइजर और सोशल डिस्टेंसिंग। कोरोना संक्रमण के शुरुआती दौर में उत्तर प्रदेश मे बड़ी मात्रा मे सैनिटाइजर की किल्लत महसूस की गई थी। लेकिन राज्य सरकार के प्रयास से न इसकी कमी दूर...
लखनऊः कोरोना संकट से बचने का एक बड़ा रास्ता है मास्क, सेनिटाइजर और सोशल डिस्टेंसिंग। कोरोना संक्रमण के शुरुआती दौर में उत्तर प्रदेश मे बड़ी मात्रा मे सैनिटाइजर की किल्लत महसूस की गई थी। लेकिन राज्य सरकार के प्रयास से न इसकी कमी दूर हो गई। अब देश के दूसरे राज्यों से UP के सेनिटाइजर की मांग आ रही है। लिहाजा अब इसे दूसरे राज्यों में भी भेजा जाने लगा है।
बता दें कि पिछले 25 मार्च से लॉकडाउन शुरू होते ही राज्य सरकार ने सभी चीनी मिलों को सैनिटाइजर बनाने का निर्देश दे दिया था। सरकार के आदेश के बाद चीनी मिल इसे बनाने मे लग गयी। धीरे-धीरे इसका उत्पादन बढ़ता गया और अभी हालात यह कि UP से अन्य राज्यों मे सैनिटाइजर भेजा जा रहा है। चीनी मिलों के अलावा अन्य इकाइयों मे भी हैंड सैनिटाइजर बनाए जा रहे हैं।
आबकारी विभाग ने हैंड सैनिटाइजर बनाने और बेचने के लिये लाइसेंस की अनिवार्यता भी समाप्त कर दी है। राज्य मे अब बडे पैमाने पर हैंड सैनिटाइजर का निर्माण हो रहा है और बाजार मे इसकी कीमत भी काफी कम हो गई है। शुरुआती दौर मे दवा दुकानदारों ने ऊंची कीमत पर सैनिटाइजर बेचे थे। लखनऊ के इंडियन इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी रिसर्च ने भी इसका निर्माण शुरू किया और 200 लीटर लखनऊ नगर निगम और 200 लीटर पुलिस विभाग को दिया । अब बहुत से राज्य उत्तर प्रदेश से हैंड सैनिटाइजर की मांग कर रहे हैं।