Edited By Pooja Gill,Updated: 30 May, 2025 10:19 AM

कानपुर देहात: उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात से एक दिल को चीर देने वाली घटना सामने आई है। यहां पर एक अस्पताल में स्टाफ की लापरवाही से एक नवजात की डस्टबिन में तड़प-तपड़ पर मौत हो गई...
कानपुर देहात: उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात से एक दिल को चीर देने वाली घटना सामने आई है। यहां पर एक अस्पताल में स्टाफ की लापरवाही से एक नवजात की डस्टबिन में तड़प-तपड़ पर मौत हो गई। उसके मां चीखती चिल्लाती रही, लेकिन किसी भी स्टाफ मैंबर ने उसकी आवाज नहीं सुनीं।
बेड पर ही हो गया प्रसव
यह मामला मेडिकल कॉलेज के महिला अस्पताल से सामने आया है। यहां पर एक प्रसूता को अकेले छोड़कर अस्पताल स्टाफ सोने चला गया। रात को प्रसव पीड़ा बढ़ने लगी। वो चीखती चिल्लाती रही, लेकिन स्टाफ ने उसकी चीखों को अनसुना कर दिया। नतीजा ये हुआ कि बेड पर ही प्रसव हो गया और नवजात पास में रखे डस्टबिन में गिर गया। कुछ घंटे के बाद उसकी मौत हो गई। दुनिया में आते ही उसने दुनिया को अलविदा कह दिया।
सोते रहे कर्मचारी
रूरा थाना के प्रेमाधाम कारी-कलवारी निवासी सुनील नायक ने बताया कि बुधवार देर रात पत्नी सरिता को प्रसव पीड़ा हुई। इस पर वह पत्नी को मेडिकल कॉलेज के महिला अस्पताल लेकर आए। रात करीब डेढ़ बजे के बाद पत्नी को स्टाफ ने कुछ दवाइयां देकर वार्ड में भर्ती कर लिया। आरोप है कि कुछ देर के बाद पूरा स्टाफ सोने चला गया। इसके बाद रात करीब दो बजे प्रसव पीड़ा बढ़ गई। उनकी मां दो कमरों में सो रहे कर्मचारियों को जगाने की कोशिश कर रही थी, लेकिन कोई भी नहीं उठा।
डस्टबिन में गिर गया नवजात
सुनील ने बताया कि पीड़ा से तड़प रही पत्नी का बेड पर ही प्रसव हो गया। प्रसव के तुरंत बाद नवजात बेड के किनारे रखे डस्टबिन में गिर गया। उसकी मां फिर से स्टाफ को जगाने गई और कहा कि बच्चा डस्टबिन में गिर गया है। वो गिड़गिड़ाते रहे। इसके बाद स्टाफ आया और
नवजात को एसएनसीयू में भर्ती करवा दिया। सुबह लगभग 10 बजे बच्चे की मौत हो गई। बच्चे की मौत की खबर भी स्टाफ ने उनसे छुपाई।
पिता के हाथ में थमाया मृत्यु प्रमाणपपत्र
आरोप है कि स्टाफ ने नवजात की मौत की बात छुपाई रखी और दोपहर को उनके हाथ में मृत्यु प्रमाणपपत्र थमा दिया और कहा कि नवजात के शव को ले जाए। जिसके बाद उन्होंने लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि 112 पर पुलिस को सूचना दी। मेडिकल कॉलेज चौकी प्रभारी भागमल सिंह ने पूछताछ कर जानकारी जुटाई। उन्होंने तीन सदस्यीय जांच टीम बनाकर इस मामले की जांच की। जिसमें पाया गया कि डॉ. रश्मि पाल व स्टॉफ नर्स प्रियंका सचान ड्यूटी पर तैनात नहीं थे, उनकी लापरवाही से बच्चे की मौत हो गई। जांच समिति ने इनके निलंबन की संस्तुति की है।