मथुरा के मंदिरों में अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है दीपावली का त्योहार

Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 25 Oct, 2019 05:25 PM

the festival of diwali is celebrated in different ways in the temples

तीन लोक से न्यारी उत्तर प्रदेश में कन्हैया की नगरी मथुरा के मंदिरों में दीपावली का त्योहार अलग अलग तरीके से मनाया जाता है। कहीं ठाकुर जी चौसर खेलते हैं तो कहीं तीर्थयात्रियों के दीपदान पर उसे आशीर्वाद देते हैं। ब्रजभूमि...

मथुराः तीन लोक से न्यारी उत्तर प्रदेश में कन्हैया की नगरी मथुरा के मंदिरों में दीपावली का त्योहार अलग अलग तरीके से मनाया जाता है। कहीं ठाकुर जी चौसर खेलते हैं तो कहीं तीर्थयात्रियों के दीपदान पर उसे आशीर्वाद देते हैं। ब्रजभूमि का स्वामीनारायण मंदिर त्योहारों के मामले में अपनी अलग पहचान बना चुका है।

इस मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यहां पर जो भी प्रसाद ठाकुर को अर्पित किया जाता है उसे भक्तों में बांट दिया जाता है। मंदिर के महंत शास्त्री स्वामी अखिलेश्वर दास ने बताया कि मंदिर के गर्भगृह में ठाकुर के आभूषणों के पूजन के साथ ही आज से ही दीपावली का उत्सव प्रारंभ हो गया है।

काली चौदस पर हनुमान जी का विशेष पूजन होता है तथा चल विग्रह का सरसो के तैल से अभिषेक होता है। फिर चांदी के वर्क से विशेष श्रंगार होता है। इसके बाद दही भल्ले , बडे़ और लड्डू का भोग लगेगा तथा बाद में इसे भक्तों में वितरित कर दिया जाता है।


 

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