सपा नेता नवीन दुबे ने पार्टी से दिया इस्तीफा, स्वामी प्रसाद मौर्य के रामचरितमानस पर दिए गए विवादित बयान से थे नाराज

Edited By Pooja Gill,Updated: 31 Jan, 2023 01:52 PM

sp leader naveen dubey resigned from the party

समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) के रामचरितमानस (Ramcharitmanas) पर दिए गए विवादित बयान से सपा के नेताओं में भी नाराजगी है। इसी नाराजगी को दिखाते हुए सपा नेता नवीन दुबे (Naveen Dubey) ने बीते रविवार को पार्टी...

नोएडाः समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) के रामचरितमानस (Ramcharitmanas) पर दिए गए विवादित बयान से सपा के नेताओं में भी नाराजगी है। इसी नाराजगी को दिखाते हुए सपा नेता नवीन दुबे (Naveen Dubey) ने बीते रविवार को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। यह इस्तीफा उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) द्वारा स्वामी प्रसाद मौर्य को महासचिव बनाने के बाद दिया है।

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बता दें कि बीते दिनों सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस को लेकर विवादित बयान दिया। जिसके बाद से वह संतों, नेताओं और हिन्दू संगठनों के निशाने पर आ गए हैं। उन्होंने कहा था कि कई करोड़ लोग रामचरितमानस को नहीं पढ़ते, सब बकवास है। यह तुलसीदास ने अपनी खुशी के लिए लिखा है। सरकार को इसका संज्ञान लेते हुए रामचरित मानस से जो आपत्तिजनक अंश है, उसे बाहर करना चाहिए या इस पूरी पुस्तक को ही बैन कर देना चाहिए। स्वामी प्रसाद मौर्य ने आपत्ति जताते हुए कहा था कि तुलसीदास की रामचरितमानस में कुछ अंश ऐसे हैं, जिनपर हमें आपत्ति है, क्योंकि किसी भी धर्म में किसी को भी गाली देने का कोई अधिकार नहीं है। तुलसीदास की रामायण की चौपाई है। इसमें वह शूद्रों को अधम जाति का होने का सर्टिफिकेट दे रहे हैं।

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अखिलेश ने बनाया स्वामी प्रसाद मौर्य को राष्ट्रीय महासचिव
इस विवाद के बीच समाजवादी पार्टी ने रविवार को नई कार्यकारिणी की लिस्ट जारी कर सबको चौंका दिया है। सपा ने स्वामी प्रसाद मौर्य को राष्ट्रीय महासचिव बनाया। जिसके बाद नाराज सपा नेता नवीन दुबे ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने अखिलेश यादव को भेजे अपने इस्तीफे में लिखा कि, तीन दिसंबर 2020 को प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने पार्टी शामिल कराया था। पार्टी के लिए अपनी समस्त टीम के साथ बीते विधानसभा चुनाव सहित हर मोर्चे पर ईमानदारी से काम किया। उन्होंने कहा कि टीवी चैनलों पर समाजवाद की आवाज को मुखर होकर रखा, लेकिन रामचरितमानस व भगवान श्रीराम पर स्वामी प्रसाद मौर्य की टिप्पणी के बाद भी पार्टी द्वारा उन्हें निष्कासित करने की जगह महासचिव बना दिया।

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पार्टी में जातिवादी व्यवस्था है- नवीन दुबे
सपा नेता नवीन दुबे ने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य को महासचिव बनाए जाने से अनुभव हुआ कि जिस पार्टी को वह समाजवाद समझ रहे थे वह ऐसी नहीं है। पार्टी में जातिवादी व्यवस्था है। इसलिए प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र स्वीकार करें। वहीं, सपा ग्रामीण के निवर्तमान जिलाध्यक्ष महेंद्र यादव ने बताया कि राष्ट्रीय अध्यक्ष व पार्टी नीतियों के खिलाफ बयानबाजी करने पर नवीन दुबे को व्हाट्सएप ग्रुप से हटा दिया है। राष्ट्रीय अध्यक्ष को इसकी जानकारी दी गई है। पार्टी नीतियों के खिलाफ बयानबाजी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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