Edited By Pooja Gill,Updated: 26 Apr, 2025 01:24 PM

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर तंज कसते हुए शनिवार को कहा कि अदालत की ‘‘फटकार'' से राहुल गांधी को समझ जाना चाहिए कि वीर सावरकर कोई सामान्य व्यक्ति नहीं थे...
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर तंज कसते हुए शनिवार को कहा कि अदालत की ‘‘फटकार'' से राहुल गांधी को समझ जाना चाहिए कि वीर सावरकर कोई सामान्य व्यक्ति नहीं थे। दरअसल, उच्चतम न्यायालय ने विनायक दामोदर सावरकर पर राहुल गांधी की टिप्पणी को ‘‘गैरजिम्मेदाराना'' बताते हुए इस पर अप्रसन्नता जाहिर की और कहा कि ‘‘हमें अपने स्वतंत्रता सेनानियों का मजाक नहीं उड़ाना चाहिए।''
केशव मौर्य बोले...
केशव प्रसाद मौर्य ने शीर्ष अदालत की टिप्पणी का संदर्भ देते हुए शनिवार को ‘एक्स' पर पोस्ट कर कहा, ‘‘स्वातंत्र्य वीर सावरकर के अपमान में कांग्रेस के शाही परिवार के राहुल गांधी को अदालत से फटकार खाने के बाद समझ जाना चाहिए कि सावरकर जी कोई सामान्य शख्स नहीं थे।” मौर्य ने कहा, ‘‘राष्ट्रवाद से ओतप्रोत वह प्रखर स्वतंत्रता सेनानी थे लेकिन गांधी (राहुल) हैं कि मानते ही नहीं। हकीकत यह है कि त्याग व तपस्या के मामले में सावरकर जी के पासंग भर भी नहीं हैं गांधी। यह कड़वी सच्चाई है जिसे पांच दफा के सांसद गांधी को समझना चाहिए। अदालत ने भी उनकी ‘राजनीतिक व ऐतिहासिक समझ' की कलई खोलते हुए आईना दिखा दिया है कि गांधी को अपने कद का ध्यान रखना चाहिए।” मौर्य ने कहा, ‘‘दिक्कत यह है नफरत और द्वेष से भरे गांधी से कद की बात करना ‘कद' का मजाक उड़ाना है।”
राहुल गांधी का बयान
कांग्रेस नेता ने 17 नवंबर 2022 को महाराष्ट्र के अकोला जिले में एक रैली में अपनी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान सावरकर पर टिप्पणी की थी जिसके बाद यह मामला दर्ज कराया गया। पेशे से वकील नृपेंद्र पांडे ने राहुल गांधी के खिलाफ ‘वर्गों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने' और ‘सार्वजनिक शरारत' जैसे कथित अपराधों के लिए विभिन्न दंड प्रावधानों के तहत मामला दर्ज कराया था।
न्यायालय ने लगाई फटकार
उच्चतम न्यायालय ने विनायक दामोदर सावरकर पर राहुल गांधी की टिप्पणी को शुक्रवार को ‘‘गैरजिम्मेदाराना'' बताते हुए इस पर अप्रसन्नता जाहिर की और कहा कि ‘‘हमें अपने स्वतंत्रता सेनानियों का मजाक नहीं उड़ाना चाहिए।'' शीर्ष अदालत ने हालांकि राहुल गांधी की इस टिप्पणी को लेकर उत्तर प्रदेश में उनके खिलाफ दर्ज मामले में आपराधिक कार्रवाई पर रोक लगा दी। न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति मनमोहन की पीठ ने राहुल गांधी को भविष्य में ऐसे बयान नहीं देने के लिए आगाह करते हुए कहा कि न्यायालय ऐसी टिप्पणियों पर स्वतः संज्ञान ले सकता है।