सोशल मीडिया पर अश्लील सामग्री को लेकर सात साल कैद, एक करोड़ रुपये जुर्माने का प्रावधान: सुरेश खन्‍ना

Edited By Purnima Singh,Updated: 23 Dec, 2025 04:14 PM

seven years imprisonment for posting obscene content

उत्तर प्रदेश विधानसभा में मंगलवार को संसदीय कार्य व वित्‍त मंत्री सुरेश कुमार खन्‍ना ने कहा कि सोशल मीडिया पर अश्लील सामग्री के प्रकाशन को लेकर सख्त कानून की व्यवस्था है और इसमें एक करोड़ रुपये तक के जुर्माने तथा सात वर्ष कैद की सजा का प्रावधान किया...

लखनऊ : उत्तर प्रदेश विधानसभा में मंगलवार को संसदीय कार्य व वित्‍त मंत्री सुरेश कुमार खन्‍ना ने कहा कि सोशल मीडिया पर अश्लील सामग्री के प्रकाशन को लेकर सख्त कानून की व्यवस्था है और इसमें एक करोड़ रुपये तक के जुर्माने तथा सात वर्ष कैद की सजा का प्रावधान किया गया है। खन्‍ना ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन मंगलवार को प्रश्नकाल के दौरान समाजवादी पार्टी के सदस्य डॉक्टर हृदय नारायण सिंह पटेल द्वारा सोशल मीडिया के दुरुपयोग का प्रश्न उठाए जाने पर सदन को यह जानकारी दी। 

पटेल ने प्रश्न किया कि क्या प्रदेश में सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक एवं अभद्र फोटो, वीडियो अपलोड की रोकथाम की कोई योजना सरकार ने बनाई है और क्या सरकार ऐसे कार्य में लिप्त लोगों को चिह्नित कर दंडात्मक कार्यवाही के लिए कोई नीति बनाएगी? उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र में सोशल मीडिया पर पोस्‍ट किए गए दो मामलों का उदाहरण भी दिया, जिसमें एक ही तरह के मामलों में कार्रवाई में पुलिस ने भेदभाव किया। खन्‍ना ने मुख्‍यमंत्री की ओर से जवाब देते हुए कहा कि सरकार ने इस बात की पूरी व्यवस्था की है कि इस विषय पर जागरूकता कैसे हो और जहां कहीं भी इस प्रकार की शिकायत मिले और शिकायत जिस स्‍तर की मिले, उस स्तर की कार्रवाई भी हो। 

मंत्री के बयान पर विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने सरकार से कहा, ‘‘यह महत्वपूर्ण विषय है, इससे सभी लोग प्रभावित हैं और गलत सूचनाओं का दुष्प्रभाव होता है।'' उन्होंने कहा कि कोई योजना बनाकर जब तक इस तरह के अपराधियों को सख्त सजा नहीं दी जाएगी, तब तक इसका संदेश नहीं जाएगा। इस पर संसदीय कार्य मंत्री ने कहा, ‘‘समाज में सोशल मीडिया पर अभद्र टिप्पणी करना गलत है लेकिन सरकार ने इसकी रोकथाम की व्यवस्था भी की है। इसमें एक करोड़ रुपये तक के जुर्माने का भी प्रावधान है। सात साल तक की सजा है।'' मंत्री ने कहा, ‘‘जब राष्ट्रीय सुरक्षा की कोई बात आती है तो विशेष सचिव (गृह) को इस बात के लिए अधिकृत किया गया है कि वह इसका संज्ञान लेकर इस संबंध में उचित कार्रवाई करें।'' 

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