जेल में बंद विधायक अब्बास अंसारी की जमानत पर SC सख्त, योगी सरकार से मांगा जवाब

Edited By Ramkesh,Updated: 25 Jul, 2024 08:25 PM

sc strict on bail of jailed mla abbas ansari sought reply from yogi government

उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को उत्तर प्रदेश सरकार से विधायक अब्बास अंसारी की जमानत याचिका पर जवाब मांगा। अंसारी ने उस मामले में जमानत का अनुरोध किया है जिसमें उन पर आरोप है कि उन्होंने अपनी पत्नी के मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हुए विभिन्न लोगों...

लखनऊ: उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को उत्तर प्रदेश सरकार से विधायक अब्बास अंसारी की जमानत याचिका पर जवाब मांगा। अंसारी ने उस मामले में जमानत का अनुरोध किया है जिसमें उन पर आरोप है कि उन्होंने अपनी पत्नी के मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हुए विभिन्न लोगों को जबरन वसूली के लिए धमकाया। अंसारी की पत्नी चित्रकूट जिला जेल में बंद अपने पति अंसारी से मुलाकात के लिये जाती थी। मऊ विधानसभा क्षेत्र से विधायक अंसारी ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ के एक मई के उस आदेश को चुनौती देते हुए उच्चतम न्यायालय का रुख किया है, जिसमें मामले में उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी।

फरवरी 2023 में एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी जिसमें आरोप लगाया गया था कि अंसारी की पत्नी औपचारिकताओं और निर्धारित पाबंदियों का पालन किए बिना अक्सर जेल में उनसे मिलने जाती थी। उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा था कि यह आरोप लगाया गया था कि अंसारी ने अपनी पत्नी के मोबाइल फोन का इस्तेमाल किया और जबरन वसूली के लिए विभिन्न लोगों को धमकाया। यह भी आरोप लगाया गया कि अंसारी की पत्नी का चालक जेल अधिकारियों की मदद से जेल से अंसारी के भागने की साजिश रच रहा था।

उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली अंसारी की याचिका बृहस्पतिवार को न्यायमूर्ति सूर्यकांत, न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ के समक्ष सुनवायी के लिए आयी। शीर्ष अदालत ने अंसारी की याचिका पर राज्य से जवाब मांगा और इस पर सुनवायी दो सप्ताह बाद करना निर्धारित किया। अब्बास अंसारी गैंगस्टर-नेता और कई बार विधायक रह चुके मुख्तार अंसारी के बेटे हैं। मुख्तार अंसारी की कुछ महीने पहले जेल में मौत हो गई थी।

उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा था कि अंसारी, विधानसभा के सदस्य होने के नाते एक जिम्मेदार पद पर हैं और उनका आचरण उच्च स्तर का होना चाहिए। उच्च न्यायालय ने कहा था, "उपर्युक्त पृष्ठभूमि वाला व्यक्ति अच्छी तरह से जानता है कि वह जेल में बंद है और उसकी पत्नी बार-बार याचिकाकर्ता (अंसारी) से मिल रही है और सीसीटीवी फुटेज के साथ-साथ जांच के दौरान सामने आए गवाहों के बयानों से प्रथम दृष्टया याचिकाकर्ता की मिलीभगत का पता चलता है।"

उच्च न्यायालय ने कहा था, "सामान्य परिस्थितियों में और यहां तक ​​कि कानून के अनुसार भी, जेल अधिकारी किसी व्यक्ति को ऐसी अप्रतिबंधित पहुंच प्रदान नहीं करते हैं और न ही कर सकते हैं, जो कथित तौर पर याचिकाकर्ता की पत्नी को दी गई, जाहिर तौर पर आवेदक के कहने पर।" अंसारी की जमानत याचिका खारिज करते हुए, उच्च न्यायालय ने कहा था कि मुकदमे की सुनवायी यथासंभव शीघ्रता से पूरी की जाए।

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