Edited By Prashant Tiwari,Updated: 04 Feb, 2023 03:15 PM

समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के विधान परिषद सदस्य और राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) द्वारा दिए गए रामचरितमानस (Ramcharitmanas) बयान के बाद प्रदेश की सियासत (Politics) गरमा गई है। समाजवादी पार्टी कार्यालय के बाहर आए...
लखनऊ (अश्वनी कुमार सिंह) : समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के विधान परिषद सदस्य और राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) द्वारा दिए गए रामचरितमानस (Ramcharitmanas) बयान के बाद प्रदेश की सियासत (Politics) गरमा गई है। समाजवादी पार्टी कार्यालय के बाहर आए दिन जातियों (Castes) को लेकर होर्डिंग लगाए जा रहे हैं। वहीं आज समाजवादी पार्टी के पिछड़ा वर्ग आयोग (Backward class ) ने जातीय जनगणना (Caste census) की बात को लेकर पार्टी कार्यालय के बाहर पोस्टर लगाया है। जिनमें उन्होंने सरकार से जातीय जनगणना कराने की मांग की हैं।
जिसकी जितनी भागीदारी उतनी उसकी हिस्सेदारी
समाजवादी पार्टी के पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष राजपाल कश्यप (Rajpal Kashyap) से मीडिया ने जातिगत जनगणना को लेकर सवाल किया तो उन्होंने कहा कि पिछड़ी जातियों का जनगणना होना चाहिए। हमारी पार्टी और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) शुरू से मांग (Demand) करते आ रहे हैं कि समाज में जिस जाती की जितनी भागीदारी उसकी उतनी हिस्सेदारी होनी चाहिए। भारतीय जनता पार्टी नहीं चाहती कि जातीय जनगणना हो और समाज का एक बड़ा वर्ग अपने अधिकारों से वंचित रहें। आपको बता दें कि सपा लगातार जातिगत जनगणना की मांग कर रही हैं।

ब्राह्मण नेताओं ने सपा के समर्थन में लगाया पोस्टर
समाजवादी पार्टी कार्यालय के बाहर पिछड़ी जातियों के साथ अब ब्राह्मण नेताओं ने भी सपा के समर्थन में पोस्टर लगाना शुरू कर दिया हैं। पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष से जब पत्रकारों ने इस बाबत सवाल किया तो उन्होंने कहा कि यह उनकी अपनी निजी विचारधारा है पार्टी की विचारधारा (Thinking) नहीं हैं। पोस्टर लगाने के लिए पार्टी के द्वारा कोई आदेश नहीं दिया गया हैं बल्कि समर्थकों द्वारा पोस्टर लगाए जा रहे हैं। पार्टी जाति जनगणना की मांग करती है और इसको लेकर अभियान चलाएगी। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी जातिगत जनगणना की अपनी मांग को भुनाने की कोशिश कर रही हैं। जिससे की वह प्रदेश के सभी पिछड़े व अनुसूचित जातियों व अनुसूचित जनजातियों में इसके माध्यम से अपनी पैठ मजबूत कर सकें।