अखिलेश यादव बोले- जातिवार जनगणना अधिकारों के लिए लोकतांत्रिक क्रांति का पहला कदम

Edited By Ramkesh,Updated: 01 May, 2025 07:14 PM

akhilesh yadav said caste wise census is the first step of democratic

समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आगामी जनगणना में जाति आधारित गणना को शामिल करने की केंद्र सरकार की घोषणा का स्वागत करते हुए बृहस्पतिवार को इसे पीडीए (पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक वर्ग) की महत्वपूर्ण जीत और सामाजिक न्याय पर आधारित राज्य...

लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आगामी जनगणना में जाति आधारित गणना को शामिल करने की केंद्र सरकार की घोषणा का स्वागत करते हुए बृहस्पतिवार को इसे पीडीए (पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक वर्ग) की महत्वपूर्ण जीत और सामाजिक न्याय पर आधारित राज्य की स्थापना की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। यादव ने लखनऊ में एक प्रेस वार्ता में कहा कि यह सरकार पीडीए की ताकत से डरी हुई है।' उन्होंने कहा, ''हमें खुशी है कि सामाजिक न्याय पर आधारित राज्य बनाने की दिशा में एक कदम उठाया गया है। यह फैसला 90 प्रतिशत पीडीए गठबंधन की एकता की 100 प्रतिशत जीत है। हम सभी के सामूहिक दबाव में भाजपा सरकार को यह मांग स्वीकार करने के लिए मजबूर होना पड़ा।

जातिवार गणना के आंकड़े पारदर्शी तरीके से एकत्र किए जाएं
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ''यह तो बस शुरुआत है। न्यायपूर्ण और समतामूलक समाज की स्थापना अब पीडीए के लिए निर्णायक चरण में प्रवेश कर रही है। निष्पक्ष जातिवार जनगणना सुनिश्चित करेगी कि हर समूह को उसकी आबादी के अनुपात में उसका उचित हिस्सा मिले। इससे सत्ता के शीर्ष पर बैठे लोगों का वर्चस्व खत्म हो जाएगा।'' केंद्र सरकार ने बुधवार को लिये गये एक निर्णय में कहा कि आगामी जनगणना में जातिवार गणना के आंकड़े पारदर्शी तरीके से एकत्र किए जाएंगे। हालांकि, बिहार, तेलंगाना और कर्नाटक समेत कई राज्य पहले ही जाति आधारित जनगणना करा चुके हैं।

लंबी लड़ाई के बाद सरकार कराएगी जाति जनगणना
देश भर में जाति जनगणना की मांग खासकर पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव के दौरान एक प्रमुख चुनावी मुद्दा बन गई थी। जाति जनगणना को विपक्षी दलों के गठबंधन 'इंडिया की जीत' बताते हुए यादव ने समाजवादी नेताओं और सामाजिक न्याय के कार्यकर्ताओं के दशकों पुराने प्रयासों को याद किया। उन्होंने कहा कि यह उनके संघर्षों की वजह से है कि इतनी लंबी लड़ाई के बाद सरकार आखिरकार जाति जनगणना कराने के लिए राजी हुई है। यादव ने भाजपा को आगाह करते हुए कहा, ''भाजपा को अपने चुनावी जोड़-तोड़ को जातिवार जनगणना के साथ नहीं मिलाना चाहिए। हम सभी ने उनकी चुनावी धांधली देखी है। चाहे मुजफ्फरनगर हो, मुरादाबाद हो, रामपुर हो, अयोध्या हो या मिल्कीपुर हो। उनकी धोखाधड़ी सीसीटीवी कैमरों में कैद हो चुकी है और जनता ने भी देखी है। वे (भाजपा) जनगणना के आंकड़ों में भी हेरफेर कर सकते हैं।

भाजपा की बहुसंख्यकवादी राजनीति खत्म हो जाएगी
सपा प्रमुख ने व्यापक बदलावों का आह्वान करते हुए कहा, ''हमें अब आगे बढ़ना चाहिए - निजी क्षेत्र की नौकरियों, संस्थानों और रोजगार में आनुपातिक प्रतिनिधित्व पर चर्चा और उसे लागू करना चाहिए। यह समानता और न्याय के बारे में है और हम इसे आगे बढ़ाते रहेंगे।'' यादव ने भाजपा की विचारधारा पर भी परोक्ष हमला किया। उन्होंने कहा कि भाजपा की बहुसंख्यकवादी राजनीति खत्म हो जाएगी और संविधान के आगे मनविधान ज्यादा देर तक नहीं टिक सकता। यादव ने उत्तर प्रदेश में कथित भ्रष्टाचार को लेकर सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने मथुरा में हाल ही में हुई एक घटना का हवाला दिया, जिसमें करोड़ों की लागत से बनी पानी की टंकी ढह गई। सपा प्रमुख ने कहा, ''एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी भूमिगत हो गया है। वह पानी की टंकी भ्रष्टाचार का बोझ नहीं झेल सकती।'' उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस के अवसर पर दुनिया भर के श्रमिकों को शुभकामनाएं दीं। 

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