राशन माफियाओं का पूरी तरह हुआ सफाया: भाजपा

Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 30 Aug, 2019 06:08 PM

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भारतीय जनता पार्टी ने शुक्रवार को कहा कि उत्तर प्रदेश में कई वर्षों से काबिज राशन माफियाओं का पूरी तरह सफाया हो गया है और अब पात्र एवं निर्धन लोगों तक राशन पहुंचने लगा है । प्रदेश भाजपा प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा, ''''आज उत्तर प्रदेश में...

लखनऊः भारतीय जनता पार्टी ने शुक्रवार को कहा कि उत्तर प्रदेश में कई वर्षों से काबिज राशन माफियाओं का पूरी तरह सफाया हो गया है और अब पात्र एवं निर्धन लोगों तक राशन पहुंचने लगा है । प्रदेश भाजपा प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा, ''आज उत्तर प्रदेश में जहां सौ फीसदी पात्र और निर्धन लोगों तक राशन पहुंचने लगा है, वहीं कई सालों से काबिज राशन माफियाओं का पूरी तरफ से सफाया हो गया है।''

उन्होंने बताया कि राशन वितरण प्रणाली में किए गए बेतहरीन उपायों की बदौलत प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार ने अभूतपूर्व सफलता हासिल करते हुए पिछले दो वर्षो में 1000 करोड़ रूपए के खाद्यान्न की बचत की है । त्रिपाठी ने दावा किया कि ये वही खाद्यान्न है, जो फर्जी राशन कार्डों और भ्रष्ट कोटेदारों-अफसरों की मिलीभगत से राशन माफियाओं की जेब में जाता था। उन्होंने बताया कि प्रदेश की कमान संभालने के बाद से ही मुख्यमंत्री ने राशन वितरण प्रणाली में सुधार को प्राथमिकता पर रखा और अधिकारियों को पुख्ता तंत्र बनाने का आदेश दिया।

प्रवक्ता ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने शारीरिक तौर पर अक्षम और बुजुर्गों को घर तक राशन पहुंचाने का भी इंतजाम किया है और ऐसे 17 हजार लोगों के घरों तक कोटेदार खुद राशन पहुंचा रहे हैं । त्रिपाठी ने कहा कि इतना ही नहीं, राशन वितरण प्रणाली को और सुविधाजनक एवं पारदर्शी बनाने के लिए यूपी सरकार ने नगर क्षेत्रों में 'पोर्टेबिलिटी' की व्यवस्था लागू की है, इसके तहत नगरीय क्षेत्र में रहने वाले राशनकार्ड धारकों को किसी भी कोटे की दुकान से राशन लेने का अधिकार होगा।

उन्होंने बताया कि इस नई व्यवस्था से उपभोक्ताओं को सुविधा तो होगी ही, उन कोटेदारों के आचार व्यवहार की भी समीक्षा हो पाएगी, जिनकी दुकानों से लोग राशन नहीं लेंगे । प्रदेश प्रवक्ता ने कहा, ‘‘योगी ने जब प्रदेश की कमान संभाली थी तब प्रदेश की राशन वितरण प्रणाली पूरी तरह चौपट थी । बसपा और सपा सरकारें खाद्यान्न घोटाले के लिए ही बदनाम रहीं । निर्धनों को राशन नहीं मिलता था । दस्तावेजों में हेराफेरी कर गरीबों का खाद्यान्न लूट लिया जाता था और सारा पैसा राशन माफियाओं की जेब में चला जाता था। आए दिन खाद्यान्न तस्करी की खबरें आती थीं। बड़ी संख्या में बांग्लादेशी नागरिक भी देश के निर्धनों का हक छीन कर राशन हासिल कर रहे थे।''

उन्होंने कहा कि ऐसे हालात में व्यवस्था संभालने के बाद मुख्यमंत्री राशनकार्ड धारकों को आधार कार्ड से जोड़कर ई-पास यानी 'ई प्वाइंट आफ सेल' प्रक्रिया लागू कर दी । इसके चलते बड़ी तादाद में फर्जी राशनकार्ड धारक पकड़ लिए गए और पात्र लोग ही बचे । इन लोगों को ई-पास सिस्टम से राशन दिया जा रहा है । प्रवक्ता ने कहा कि आज सरकार तीन करोड़ 57 लाख राशन कार्डों के जरिए 14 करोड़ सात लाख लोगों को सफलतापूर्वक राशन मुहैया करा रही है और प्रदेश की यह व्यवस्था राशन वितरण प्रणाली में एक नजीर बन चुकी है।

 

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