SIR को लेकर रामगोपाल ने उठाए सवाल, कहा- सरकार के इरादे नेक नहीं हैं

Edited By Ramkesh,Updated: 03 Dec, 2025 08:00 PM

ram gopal yadav raised questions about the sir saying the government s intentio

समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य राम गोपाल यादव ने बुधवार को केंद्र पर आरोप लगाया कि मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के पीछे सरकार के इरादे नेक नहीं हैं और इसका इस्तेमाल लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर करने के लिए...

इटावा: समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य राम गोपाल यादव ने बुधवार को केंद्र पर आरोप लगाया कि मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के पीछे सरकार के इरादे नेक नहीं हैं और इसका इस्तेमाल लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर करने के लिए किया जा रहा है। यादव ने जसवंत नगर विधानसभा क्षेत्र के पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं की एक बैठक को संबोधित करने के बाद संवाददाताओं से कहा कि जो सरकारें ‘गलत तरीकों' से सत्ता पर काबिज होने की कोशिश करती हैं उन्हें नेपाल और बांग्लादेश के राजनीतिक हालात से सीखना चाहिए। 

उन्होंने कहा, ‘‘एसआईआर के पीछे सरकार के इरादे नेक नहीं है। इसका इस्तेमाल लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर करने के लिए किया जा रहा है।'' यादव ने कहा कि मतदाता सूची का पुनरीक्षण साल 1952 से हमेशा आसानी से होता रहा है। उन्होंने कहा, “सवाल यह है कि एसआईआर की जरूरत ही क्यों पड़ी? दिल्ली में सत्ता में बैठे लोगों के इरादे साफ नहीं हैं।” यादव ने आरोप लगाया कि एसआईआर का इस्तेमाल भारतीय नागरिकों को विदेशी बताने के लिए किया जा रहा है। 

उन्होंने कहा, “बिहार में एसआईआर किया गया मगर कोई घुसपैठिया नहीं मिला। फिर भी वही कहानी आगे बढ़ाई गई। उनका मकसद बड़ी संख्या में भारतीयों को बाहरी बताना है। अगर कोई मुस्लिम है तो वे कहेंगे कि वह बांग्लादेश या पाकिस्तान से आया है। अगर हिंदू है तो वे कहेंगे कि वह नेपाल से आया है।” यादव ने निर्वाचन आयोग पर सत्ताधारी पार्टी के दबाव में काम करने का आरोप लगाते हुए दावा किया कि आयोग बहुत कमजोर हो गया है।

 उन्होंने आरोप लगाया, “दिल्ली सरकार जो भी इशारा देती है, निर्वाचन आयोग उसका पालन करता है। आज भारतीय जनता पार्टी का एक छोटा नेता भी उस पर असर डाल सकता है।” असम में राष्ट्रीय नागरिकता पंजी (एनआरसी) की प्रक्रिया का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, “19 लाख नाम मतदाता सूची से हटा दिए गए लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई क्योंकि उनमें से 12 लाख हिंदू थे और सात लाख मुसलमान।

अगर जाति और धर्म के आधार पर निर्णय लिए जाते हैं, तो यह देश के लिए नुकसानदायक है।” आम नागरिकों पर इसके असर की चर्चा करते हुए यादव ने कहा, “आप यहां पैदा हुए, आपकी पीढ़ियां यहां रहीं लेकिन अगर आपका नाम एसआईआर के बाद मतदाता सूची में नहीं आता है, तो वे कहेंगे कि आप विदेशी नागरिक हैं। वे अपनी शर्तों पर नागरिकता तय करेंगे।” यादव ने कहा, “जो लोग येन केन प्रकारेण सत्ता में बने रहना चाहते हैं, वे देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।
 

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