उत्तर प्रदेश विधान परिषद चुनाव में दोपहर 12 बजे तक 60 प्रतिशत से अधिक मतदान

Edited By PTI News Agency,Updated: 09 Apr, 2022 01:48 PM

pti uttar pradesh story

लखनऊ, नौ अप्रैल (भाषा) उत्तर प्रदेश विधान परिषद के द्विवार्षिक चुनाव में शनिवार को शुरुआती चार घंटों में 60 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

लखनऊ, नौ अप्रैल (भाषा) उत्तर प्रदेश विधान परिषद के द्विवार्षिक चुनाव में शनिवार को शुरुआती चार घंटों में 60 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

उत्तर प्रदेश विधान परिषद की 27 सीटों के लिए मतदान शनिवार सुबह आठ बजे शुरू हुआ। इसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपना वोट डालने वाले शुरुआती मतदाताओं में से एक थे।
भारत निर्वाचन आयोग के अनुसार, राज्य में दोपहर 12.00 बजे तक औसतन 60.92 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया, जिसमें प्रतापगढ़ में सबसे कम 50.30 प्रतिशत मतदान हुआ, जबकि आगरा-फिरोजाबाद निर्वाचन क्षेत्र में सबसे अधिक 73.81 प्रतिशत मतदान हुआ।
उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय के अनुसार, चुनाव मैदान में 95 उम्मीदवार किस्मत आजमा रहे हैं। कार्यालय के मुताबिक, विधान परिषद चुनाव में 739 मतदान केंद्रों पर वोटिंग हो रही है, जिसमें 1,20,657 मतदाताओं के अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने की उम्मीद है। मतदान शाम चार बजे तक चलेगा।
मतदान करने के बाद योगी ने ट्वीट किया, “एक 'नए उत्तर प्रदेश' के निर्माण और सुशासन की विजय के लिए उत्तर प्रदेश स्थानीय प्राधिकरण निर्वाचन क्षेत्रों के विधान परिषद चुनाव में गोरखपुर में मतदान कर अपने कर्तव्य का निर्वहन किया।” इससे पहले, योगी ने एक अन्य ट्वीट में कहा था, “उत्तर प्रदेश में आज स्थानीय प्राधिकरण निर्वाचन क्षेत्रों के विधान परिषद द्विवार्षिक चुनाव के लिए मतदान होना है। सभी पात्र सम्मानित मतदाता गण विकास, राष्ट्रवाद व सुशासन की विजय के लिए मतदान जरूर करें। आपका एक मत 'आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश' की निर्माण यात्रा को संबल प्रदान करेगा।”
गोरखपुर में पत्रकारों से बातचीत में योगी ने कहा, "हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 2017 की तरह दो-तिहाई से अधिक सीटें जीतीं और एक मजबूत सरकार बनाई। चार दशकों के बाद ऐसी स्थिति आ गई है, जब सत्ताधारी दल विधान परिषद में भी भारी जनादेश प्राप्त करने में सफल होगा।"
उन्होंने कहा, "2017 में भाजपा सरकार चुनौतियों का सामना करती थी, क्योंकि सपा एक नकारात्मक भूमिका निभाती थी और विकास एवं कल्याणकारी कार्यक्रमों के कार्यान्वयन में बाधा डालती थी। लेकिन, मुझे उम्मीद है कि इस चुनाव में हमें विधान परिषद में भारी जनादेश मिलेगा और कल्याणकारी कार्यक्रम गति से आगे बढ़ेंगे।"
प्राप्त जानकारी के अनुसार, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने अमेठी में मतदान किया, जहां से वह लोकसभा सांसद हैं।
चुनाव कार्यालय के मुताबिक, जिन स्थानीय निकाय निर्वाचन क्षेत्रों के लिए मतदान हो रहा है, उनमें मुरादाबाद-बिजनौर, रामपुर-बरेली, पीलीभीत-शाहजहांपुर, सीतापुर, लखनऊ-उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़, सुल्तानपुर, बाराबंकी, बहराइच, गोंडा, फैजाबाद, बस्ती-सिद्धार्थनगर, गोरखपुर-महाराजगंज, देवरिया, आजमगढ़-मऊ, बलिया, गाजीपुर, जौनपुर, वाराणसी, इलाहाबाद, झांसी-जालौन-ललितपुर, कानपुर-फतेहपुर, इटावा-फरुखाबाद, आगरा-फिरोजाबाद, मेरठ-गाजियाबाद और मुजफ्फरनगर-सहारनपुर शामिल हैं। ये 27 सीटें 58 जिलों में हैं।

वहीं, आठ स्थानीय प्राधिकरणों के निर्वाचन क्षेत्रों से नौ विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) निर्विरोध चुने गए हैं।

विधान परिषद चुनाव में सपा और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला है, क्योंकि कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी ने कोई उम्मीदवार नहीं उतारा है। हालांकि, कुछ निर्दलीय उम्मीदवार मैदान में हैं। मतों की गिनती 12 अप्रैल को होगी।

उत्तर प्रदेश विधान मंडल के उच्च सदन की 36 सीटें 35 स्थानीय अधिकारियों के निर्वाचन क्षेत्रों में फैली हुई हैं।

योगी ने एक अप्रैल को पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा था, ‘‘वर्तमान में प्रदेश की 36 सीटों पर विधान परिषद चुनाव हो रहे हैं। इनमें से नौ सीटों पर भाजपा निर्विरोध जीत चुकी है। अगर ये सभी 36 सीटें भाजपा की झोली में आती हैं तो यह मानकर चलिए कि विधान परिषद में पार्टी के दो-तिहाई से अधिक सदस्य होंगे।’’ उन्होंने कहा था कि विधानसभा के बाद विधान परिषद में भी दो-तिहाई से अधिक बहुमत मिलने पर भाजपा को प्रदेश में विकास कार्यों तथा गरीबों से जुड़ी कल्याणकारी योजनाओं को आगे बढ़ाने में किसी भी तरह की बाधा का सामना नहीं करना पड़ेगा।
स्थानीय प्रशासनिक क्षेत्र के विधान परिषद चुनाव में ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य, खंड विकास परिषदों के अध्यक्ष एवं सदस्य, जिला पंचायत अध्यक्ष और नगरीय निकायों के पार्षद मतदाता होते हैं। इसके अलावा विधायक और सांसद भी इस चुनाव में वोट डालते हैं।
प्रदेश की 100 सदस्यीय विधान परिषद में इस समय भाजपा के 35, जबकि सपा के 17, बसपा के चार और कांग्रेस, अपना दल व निषाद पार्टी के एक-एक सदस्य हैं। वहीं, शिक्षक दल के दो, जबकि एक निर्दलीय सदस्य भी विधान परिषद में मौजूद है।
राज्य विधान परिषद की 36 सीटें सात मार्च को संबंधित सदस्यों का कार्यकाल समाप्त होने के कारण रिक्त हो गई थीं। वहीं, सदन की 37वीं सीट नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन के निधन की वजह से खाली हुई है।
भाजपा द्वारा मैदान में उतारे गए 36 उम्मीदवारों में से पांच समाजवादी पार्टी के पूर्व नेता हैं, जो फरवरी-मार्च में हुए विधानसभा चुनावों से पहले भगवा दल में शामिल हुए थे।

इनमें सुल्तानपुर स्थानीय प्राधिकरण निर्वाचन क्षेत्र से शैलेंद्र प्रताप सिंह, गोरखपुर-महाराजगंज से सीपी चंद, बलिया से रविशंकर सिंह 'पप्पू', झांसी-जालौन-ललितपुर से राम निरंजन और बुलंदशहर से नरेंद्र भाटी शामिल हैं। रविशंकर सिंह ‘पप्पू’ पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के पोते हैं।

मेरठ-गाजियाबाद और बुलंदशहर सीट के अलावा (जो सहयोगी राष्ट्रीय लोक दल के लिए छोड़ी गई हैं) समाजवादी पार्टी ने बाकी सभी 34 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं।

टिकट पाने वालों में देवरिया से डॉ. कफील खान, रामपुर-बरेली से मशकूर अहमद, लखनऊ-उन्नाव से सुनील कुमार साजन, बाराबंकी से राजेश कुमार और मथुरा-एटा-मैनपुरी सीट से उदयवीर सिंह प्रमुख हैं।


यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!