Edited By PTI News Agency,Updated: 25 Nov, 2021 12:46 AM
लखनऊ, 24 नवंबर (भाषा) बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बुधवार को अपनी पुरानी उपलब्धियां गिनायीं और दावा किया कि ‘‘उत्तर प्रदेश की जनता यदि 2022 के विधानसभा चुनाव में बसपा...
लखनऊ, 24 नवंबर (भाषा) बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बुधवार को अपनी पुरानी उपलब्धियां गिनायीं और दावा किया कि ‘‘उत्तर प्रदेश की जनता यदि 2022 के विधानसभा चुनाव में बसपा को सरकार बनाने का मौका देती है तो प्रदेश का सर्वांगिण विकास किया जाएगा।’’
अपनी उपलब्धियों का फोल्डर ट्विटर पर साझा करते हुए बसपा सुप्रीमो ने दावा किया कि उत्तर प्रदेश में पहली बार समाज के सभी वर्गों को जीवन, संपत्ति और विश्वास की सुरक्षा की गारंटी के लिए “कानून का शासन” स्थापित किया गया था और राज्य को सांप्रदायिक और जातिवाद से मुक्त किया गया था।
बसपा ने सत्ता में आने पर ‘दृढ़ इच्छा शक्ति’ के साथ अच्छे काम जारी रखने का वादा किया। यह भी रेखांकित किया कि प्रदेश में पहली बार लखनऊ और नोएडा में दलित और अन्य पिछड़े समुदायों जैसे महात्मा ज्योतिबा फुले, शाहूजी महाराज, भीमराव आंबेडकर जैसे महापुरुषों, संतों और गुरुओं के सम्मान में भव्य स्मारक, पार्क और भवन बनाए गए थे।
दावा किया है, ‘‘ये काम अब पूरे हो चुके हैं और भविष्य में पार्टी की सरकार बनने पर सभी स्तरों पर विकास कार्यों के आधार पर ही प्रदेश की तस्वीर बदलने का प्रयास किया जाएगा।’’
उसमें कहा गया है कि 2007-12 तक बसपा ने अकेले दम पर प्रदेश में बहुमत की सरकार चलाई लेकिन 2012 में अखिलेश यादव के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी की सरकार बनी।
बसपा अध्यक्ष ने मंगलवार को पत्रकारों से कहा था कि अन्य राजनीतिक दलों की तरह उनकी पार्टी चुनावी घोषणा पत्र जारी नहीं करती है क्योंकि वह 'बड़े-बड़े दावे करने से ज्यादा काम करने' में विश्वास करती है। उन्होंने दावा किया कि चार बार सत्ता में रहते हुए राज्य के विकास और लोगों के कल्याण के लिए असंख्य ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण कार्य किये हैं।
मायावती ने कहा, "जब हमारी फिर से सरकार बनेगी तो हम राज्य के विकास और गरीबों, मजदूरों, छोटे व्यापारियों, वकीलों, कर्मचारियों, छात्रों, महिलाओं और बुजुर्गों के कल्याण के लिए काम करेंगे।" बसपा प्रमुख ने कहा था कि राज्य के सभी 403 विधानसभा क्षेत्रों में ग्राम स्तर तक के लोगों को फोल्डर दिए जाएंगे।
बसपा के इस फोल्डर में कहा गया है, ‘‘राज्य को सांप्रदायिक और जातिवादी हिंसा, तनाव, दंगा और भय से मुक्त करने का श्रेय बसपा सरकार को है।’’
इसमें उल्लेख किया गया है कि कैसे अनुकरणीय इच्छा शक्ति दिखाकर बसपा ने पार्टी के एक सांसद को मुख्यमंत्री आवास से गिरफ्तार कर लिया था। संदर्भ स्पष्ट रूप से बहुजन समाज पार्टी के तत्कालीन लोकसभा सदस्य उमा कांत यादव की गिरफ्तारी के बारे में था। उनपर आजमगढ़ जिले के एक गांव में जबरन जमीन के एक टुकड़े पर कब्जा करने की कोशिश करते हुए कुछ दुकानों और घरों को तोड़ने का आरोप लगाया गया था।
यादव को उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती के कालिदास मार्ग स्थित सरकारी आवास से बाहर आने के बाद गिरफ्तार किया गया था।
दस्तावेज़ में मायावती सरकारों द्वारा सावित्री बाई फुले, महामान्य, कांशी राम जैसी महान हस्तियों के नाम पर शुरू की गई विभिन्न योजनाओं के अलावा 'बौद्ध परिपथ' के सर्वांगीण विकास का हवाला दिया गया है।
बसपा के दस्तावेज में कहा गया है, इस तरह बसपा सरकार ने लोगों के कल्याण और सेवा को 'राज धर्म' मानकर दृढ़ इच्छा शक्ति से काम किया।
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