Edited By Pooja Gill,Updated: 13 Feb, 2023 04:01 PM

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) आज यानी सोमवार को बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय (Bhimrao Ambedkar University), लखनऊ के 10वें दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुई। जहां पर राष्ट्रपति ने छात्र-छात्राओं को संबोधित...
लखनऊः राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) आज यानी सोमवार को बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय (Bhimrao Ambedkar University), लखनऊ के 10वें दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुई। जहां पर राष्ट्रपति ने छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि, इस बाबासाहेब के नाम पर उपस्थित विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होना मेरे लिए हर्ष का विषय है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ने कहा बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर (Dr. Bhimrao Ambedkar) मेरे लिए भगवान हैं। उन्होंने कुछ ऐसा किया जिसकी वजह से आज मैं यहां आपके सामने हूं।

बता दें कि इस समारोह में राष्ट्रपति (President) ने कहा कि बाबासाहेब के जीवन में जितना संघर्ष था उतना ही उल्लेखनीय उनका कार्य भी था। उन्होंने अनेक चुनौतियों का सामना करते हुए उन्होंने देश-विदेश में शिक्षा प्राप्त की। स्वतंत्र भारत के संविधान निर्माता और देश के पहले कानून मंत्री डॉ. अंबेडकर का जीवन मूल्यों और सिद्धांतों पर आधारित था। उनसे प्रेरणा लेकर विद्यार्थी कठिन से कठिन लक्ष्यों को साध सकते हैं।
यह भी पढ़ेंः पूर्व BJP विधायक ने शहर में बांटा रामचरितमानस, बोले- ग्रंथों का अपमान करने वाले को जवाब देंगे

राष्ट्रपति ने छात्र-छात्राओं को किया प्रेरित
राष्ट्रपति ने छात्र-छात्राओं से कहा कि जीवन में आप जो भी पाना चाहते हैं उसके लिए प्रयास करें। उन्होंने कहा कि शिक्षा प्राप्त करने के बाद कुछ प्राइवेट नौकरी करेंगे और सरकारी नौकरी करेंगे। कुछ उद्यमशीलता के क्षेत्र में जाना चाहते हैं। मेरी अपील है कि कुछ विद्यार्थी अच्छे शिक्षक और प्रोफेसर भी बने। नई शिक्षा नीति में इस बात का उल्लेख है कि शिक्षकों को सुधार के मुख्य केंद्र बिंदु में होना चाहिए। टीचिंग एक ऐसा प्रोफेशन है, जिसमें नई पीढ़ी के भविष्य को मजबूत करने की जिम्मेदारी है। शिक्षा संस्कार और संस्कृति से जुड़ी रहे। इसके लिए सभी को कोशिश करनी चाहिए।
यह भी पढ़ेंः BJP विधायक नंदकिशोर गुर्जर बोले- सनातन धर्म करोड़ों वर्ष पुराना, अपने बयान वापस ले मदनी, लिखा पत्र

जहां आने पर मुझे बहुत खुशी हो रही है- राष्ट्रपति
समारोह में संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि जहां आने पर उन्हें बहुत खुशी हो रही है। उन्होंने कहा कि मैं अपील कर रही हूं कि एक अनुकूल वातावरण जो बना है, उसमें शिक्षा जगत भी जुड़े। जन कल्याण के लिए अनुसंधान किए जाएं। मुझे यहां आकर बहुत खुशी हो रही है। विश्वविद्यालय में 42 फीसद छात्राओं ने डिग्री हासिल की है। जबकि 60 फीसद छात्राओं ने गोल्ड मेडल प्राप्त किए हैं। सभी को बधाई, खासकर बेटियों को। उन्होंने कहा कि देश में इस समय अमृत वर्ष चल रहा है। हमें जिस क्षेत्र में भी जिम्मेदारी मिले उत्कृष्टता से काम करना चाहिए। चुनौती को अवसर की तरह लेना चाहिए यह आपकी प्रतिभा को निखारता है।