Edited By Ramkesh,Updated: 13 Feb, 2023 03:27 PM

जमीयत उलेमा-ए-हिंद (एएम समूह) के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने के बयान को लेकर हिन्दू संगठन और बीजेपी नेता विरोध कर रहे हैं। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश के जिला गाजियाबाद लोनी विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने इसे लेकर कड़ी नाराजगी...
गाजियाबाद: जमीयत उलेमा-ए-हिंद (एएम समूह) के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने के बयान को लेकर हिन्दू संगठन और बीजेपी नेता विरोध कर रहे हैं। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश के जिला गाजियाबाद लोनी विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने इसे लेकर कड़ी नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि देवबंद दारुल उलूम जमीयत उलेमा ए हिंद के अध्यक्ष अरशद मदनी को मालूम होना चाहिए कि सनातन धर्म करोड़ों वर्ष पुराना है और इस्लाम धर्म महज 14000 साल पुराना है। वह खुद इतिहास के छात्र रहे हैं। वह इतिहास के बारे में भली-भांति जानते हैं।

उन्होंने कहा कि अरशद मदनी के सामने वह खुलेआम बैठकर इस पर बहस के लिए तैयार हैं। नंदकिशोर गुर्जर ने कहा कि मदनी कागजों के आधार पर वह बयान दे रहे हैं। मैं भी उनके सामने प्रमाण के साथ सनातन के धर्म पर बहस करेंगे। भाजपा विधायक ने कहा कि यदि हमारी बात सही निकले तो फिर हमारा साथ देते हुए अन्य लोगों को भी संदेश दें और यदि उनकी बात सही निकली तो मैं उनकी बात मानने के लिए तैयार हूं। इतना ही नहीं भाजपा विधायक ने इन सब बातों का जिक्र करते हुए अरशद मदनी को पत्र लिखा है।

भाजपा विधायक ने कहा कि जिस तरह का बयान रामलीला मैदान में उनकी तरफ से दिया गया। वह उनके अधूरे ज्ञान और अल्प जानकारी व मतिभ्रम के कारण दिया गया है। क्योंकि उनके द्वारा दिया गया बयान पूरी तरह से निराधार और गलत है। क्योंकि हमारा इतिहास गवाह है कि सनातन धर्म की शुरू से ही उत्पत्ति हुई और बाद में करीब 14 साल पहले अलग-अलग पदों में विभाजित हुआ। नंदकिशोर गुर्जर ने कहा है कि निश्चित तौर पर अरशद मदनी को अपने बयान को वापस लेते हुए इसका खंडन करना चाहिए। या फिर इस्लामिक स्कॉलरों के साथ आकर मेरे साथ शरतार्थ कर वह इस बात को साबित कर दिखाएं।
गौरतलब है कि जमीयत उलेमा-ए-हिंद (एएम समूह) के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने प्रसिद्ध जैन मुनि आचार्य लोकेश मुनि की मौजूदगी में 'ओम' और 'अल्लाह' तथा मनु और पैगंबर आदम को एक बताते हुए रविवार को दावा किया कि बहुसंख्यक समाज के "पूर्वज हिंदू नहीं थे, बल्कि मनु थे, जो एक ओम यानी अल्लाह की इबादत करने वाले थे।" आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत के घर वापसी संबंधी बयान पर मदनी ने कहा कि इस्लाम भारत के लिए कोई नया मज़हब नहीं है, बल्कि अल्लाह ने पैगंबर आदम यानी मनु को यहीं उतारा, उनकी पत्नी हव्वा को उतारा, जिन्हें वे (हिंदू) हमवती कहते हैं और वे सारे नबियों, मुसलमानों, हिंदुओं, ईसाइयों के पूर्वज हैं। मौलाना मदनी के बयान पर आचार्य लोकेश मुनि (जैन मुनि) ने असहमति जताते हुए कहा कि भगवान ऋषभदेव पहले तीर्थंकर थे, जिनके पुत्र भरत के नाम पर इस भारत देश का नाम पड़ा है और मदनी को शास्त्रार्थ के लिए आमंत्रित करते हुए जमीयत के 36वें अधिवेशन से चले गए।