Edited By Purnima Singh,Updated: 01 Jun, 2025 06:04 PM

वृंदावन के सुप्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। देश से लेकर विदेश तक के लोग वृंदावन उनके दर्शन के लिए पहुंचते हैं। खासकर युवा पीढ़ी के बीच उनकी लोकप्रियता अत्यधिक है .....
मथुरा: वृंदावन के सुप्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। देश से लेकर विदेश तक के लोग वृंदावन उनके दर्शन के लिए पहुंचते हैं। खासकर युवा पीढ़ी के बीच उनकी लोकप्रियता अत्यधिक है। संत प्रेमानंद महाराज के विचारों ने युवा पीढ़ी को आध्यात्म का रास्ता दिखाया है। उनमें बहुत हद तक बदलाव भी देखा जा सकता है। सोशल मीडिया पर आए दिन उनके सत्संग का कोई न कोई वीडियो वायरल होता रहता है।
भक्त ने लव मैरिज को लेकर पूछा सवाल
संत अपने सत्संग के माध्यम से लोगों को सांसारिक और आध्यात्मिक जीवन का ज्ञान देते हैं। अक्सर, सत्संग के बाद श्रद्धालु प्रेमानंद महाराज से अपनी तमाम तरह की समस्याओं को लेकर प्रश्न पूछते हैं, जिसका संत बहुत सहजता से उत्तर भी देते हैं। अब सोशल मीडिया पर धर्मगुरू का एक वीडियो वायरल हो रहा है। जिसमें एक भक्त उनसे पूछता है कि वह लव मैरिज करना चाहता है, मगर माता-पिता नहीं मान रहे। ऐसे में उसे क्या करना चाहिए। इस पर संत ने जो जवाब दिया उसने सभी को हैरान कर दिया।
अगर लड़का-लड़की प्रेम करते हों तो माता-पिता को उनका साथ देना चाहिए
प्रेमानंज महाराज ने कहा कि आजकल के माता-पिता को समझना चाहिए कि आज का जमाना नया है। अगर वो आपसे अनुमति ले रहे हैं, आपके पैर छू रहे हैं तो आपको उसका आदर करना चाहिए, कहीं ज्यादा बड़ा बन करके बात करने से आप अपना ही अपमान न करा लें। बड़ा बन करके बात करने से बच्चे आपकी बात नहीं मानेंगे। अगर लड़का और लड़की दोनों प्रेम करते हैं तो माता-पिता को उनका साथ देना चाहिए। किसी तरह के लड़ाई झगड़े वाली बात नहीं करनी चाहिए। न ही मन में ये लाना चाहिए कि अगर तुम इससे ब्याह करोगे तो हम तुम्हारा त्याग कर देंगे। घरवालों को लड़की से बात करना चाहिए कि फ्रॉड तो नहीं है। दो चार-बार लड़के से मिले, उसके घर वालों से मिले, उसका व्यवहार देखें।
माता-पिता की अनुमति के बिना काम करना दुख ही देता
वहीं जब भक्त ने सवाल पूछा कि शादी होने तक ब्रह्मचर्य का पालन करें, तो इसमें कुछ गलत तो नहीं? इस पर प्रेमानंद महाराज ने कहा कि शादी जब तक ना हो तब तक ब्रह्मचर्य से रहें। माता-पिता का आशीर्वाद जरूर लें। माता पिता की अनुमति जरूर लें। इसके बाद संत ने कहा कि आजकल के जो बच्चे मनमानी आचरण करते हैं, माता पिता की एक नहीं मानते हैं, वो बाद में दुख ही रहते हैं। यह पक्का है।