Kanpur में KDA की लापरवाही से लिफ्ट में फंसे लोग, ऑक्सीजन की कोई व्यवस्था नहीं, अलार्म बजाते रहे लोग, घुटन से......

Edited By Purnima Singh,Updated: 06 May, 2025 07:10 PM

people trapped in lift due to kda s negligence in kanpur

यूपी के कानपुर विकास प्राधिकरण (KDA) में एक बार फिर से लापरवाही का बड़ा मामला निकलकर सामने आया है। जहां पॉवर कट होने से KDA कार्यालय की लिफ्ट अचानक खराब हो गई, जिसमें तीन लोग करीब 20 से 25 मिनट तक फंसे रहे .......

कानपुर (प्रांजुल मिश्रा) : यूपी के कानपुर विकास प्राधिकरण (KDA) में एक बार फिर से लापरवाही का बड़ा मामला निकलकर सामने आया है। जहां पॉवर कट होने से KDA कार्यालय की लिफ्ट अचानक खराब हो गई, जिसमें तीन लोग करीब 20 से 25 मिनट तक फंसे रहे। इस दौरान न तो ऑक्सीजन की कोई व्यवस्था थी, न ही कोई त्वरित बचाव प्रयास किया गया। लिफ्ट में अंधेरा छाया रहा और लोग घुटन की स्थिति में पहुंच गए। गुस्से से भरे विभागीय लोग लिफ्ट के भीतर ही भड़ास निकालते रहे। किसी तरह से कुछ लोगों द्वारा उनको बाहर निकाला गया।

लिफ्ट में फंसे तीनों लोग लगातार अलार्म बजाते रहे, लेकिन न तो जनरेटर शुरू हुआ और न ही कोई मदद पहुंची। यह घटना तब और गंभीर हो गई जब फंसे हुए कर्मचारियों ने बताया कि उन्हें घुटन होने लगी थी, और कुछ देर और होती तो हादसा होना निश्चित था लेकिन किसी तरह से उन्हें बाहर निकाला गया। बाहर आने के बाद विभाग का ही एक कर्मचारी जोकि उस लिफ्ट में फंसा था। जिसकी उम्र शायद 60 के करीब होगी। वो कर्मचारी अपनी भड़ास निकालते हुए गाली-गलौज करते हुए विभागीय अव्यवस्थाओं पर सवाल उठाता नजर आया।

बजट लाखों का, फिर भी अव्यवस्था क्यों..?
सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि KDA के पास जनरेटर संचालन के लिए लाखों रुपये का डीजल पास होता है, लेकिन जब ज़रूरत पड़ी तो कोई भी सिस्टम काम नहीं आया। सवाल यह उठता है कि यदि किसी की जान चली जाती तो इसका जिम्मेदार कौन होता?

पंजाब केसरी की पड़ताल में एक और हैरान करने वाली बात सामने आई है – जनरेटर रूम और उसके आस-पास की पार्किंग में बीयर के कैन और शराब की बोतलें पड़ी मिलीं। विभागीय सूत्रों का कहना है कि यहां नशेबाजी आम बात है। यदि ऐसे माहौल में जनरेटर की निगरानी हो रही है, तो तकनीकी विफलता कोई आश्चर्य की बात नहीं है। जब हमारे संवाददाता ने इस बारे में जानकारी जुटाई तो 'ह्यूमन रिसोर्स की कमी' को कारण बताया गया। इतना ही नहीं जनरेटर रूम में बैठे कर्मचारी केयरटेकर को पूरे मामले में जिम्मेदार ठहराते नजर आए कि केयरटेकर पहले भी रहे हैं। कुछ भी होता था तो वहलोग दौड़ पड़ते थे लेकिन ये हैं कुछ करते ही नहीं हैं। सवाल उठता है कि लाखों का बजट पास होने के बाद भी क्यों नहीं होती समय पर नियुक्ति और मेंटेनेंस....?

पुराना घोटाला फिर चर्चा में..
बताते चलें कि इससे पहले भी KDA में डीजल घोटाले की खबरें सुर्खियों में रही हैं। अब एक बार फिर वही सवाल खड़ा हो रहा है — क्या डीजल में हो रही हेराफेरी के चलते जनरेटर समय पर शुरू नहीं हुआ क्योंकि विभाग के कर्मचारियों ने स्वयं इस बात को कबूला डीजल बेचा जाता है।

केयरटेकर नदारद, जवाबदेही पर सवाल
इस पूरे मामले में जब पंजाब केसरी ने KDA के केयरटेकर अतुल राय से बात करनी चाही, तो वे अपनी कुर्सी से नदारद मिले उनको जब हमारे संवाददाता ने फोन किया तो उन्होंने फोन उठाना मुनासिब नहीं समझा। मतलब साफ है कि जवाबदेही को लेकर कोई गंभीरता नहीं बरती जा रही। अब देखने वाली बात यह होगी कि आखिर कानपुर विकाश प्राधिकरण के जिम्मेदार अधिकारी इस पूरे प्रकरण पर क्या कुछ कार्यवाही करते हैं पंजाब केसरी टीवी के लिए प्रांजुल मिश्रा ब्यूरो रिपोर्ट कानपुर।

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