Edited By Pooja Gill,Updated: 02 May, 2025 01:28 PM

लखनऊ: आगामी जनगणना में जाति आधारित गणना को शामिल करने के केंद्र के हालिया फैसले पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, बहुजन समाज पार्टी (BSP) की अध्यक्ष मायावती ने शुक्रवार को भाजपा और कांग्रेस पर इस मुद्दे का राजनीतिकरण...
लखनऊ: आगामी जनगणना में जाति आधारित गणना को शामिल करने के केंद्र के हालिया फैसले पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, बहुजन समाज पार्टी (BSP) की अध्यक्ष मायावती ने शुक्रवार को भाजपा और कांग्रेस पर इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया और दावा किया कि उनका बहुजन विरोधी चरित्र ओबीसी समुदायों को उनके वाजिब अधिकारों से वंचित करता आया है।
ये बोलीं मायावती...
सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर सिलसिलेवार पोस्ट में, उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘लम्बे समय तक ना-ना करने के बाद अब केन्द्र ने राष्ट्रीय जनगणना के साथ जाति गणना भी कराने के निर्णय लिया। भाजपा, कांग्रेस आदि द्वारा इसका श्रेय लेकर खुद को ओबीसी हितैषी सिद्ध करने की होड़ मची है जबकि इनके बहुजन-विरोधी चरित्र के कारण यह समाज अभी भी पिछड़ा, शोषित और वंचित है।'' उन्होंने कहा, ''वैसे भी कांग्रेस एवं भाजपा आदि की नीयत व नीति बहुजन समाज के प्रति अगर पाक-साफ़ होती तो ओबीसी समाज देश के विकास में उचित भागीदार बन गया होता, जिससे इनके मसीहा बाबा साहेब डॉ. भीमराव आम्बेडकर का ‘आत्म-सम्मान व स्वाभिमान' का मिशन सफल होता हुआ दिखता।''
'OBC का हित बसपा में ही निहित है'
बसपा नेता ने कहा, ''बाबा साहेब एवं बसपा के अनवरत संघर्ष के कारण ओबीसी समाज आज जब काफी हद तक जागरुक है, तो दलितों की तरह ओबीसी वोटों के लिए लालायित इन पार्टियों के लिए इनकी हितैषी दिखने का स्वार्थ व मजबूरी है। स्पष्ट है कि ओबीसी का हित बसपा में ही निहित है, अन्यत्र नहीं।'' मायावती ने कहा, ''अतः 'वोट हमारा राज तुम्हारा-नहीं चलेगा' के मानवतावादी संघर्ष को सही व सार्थक बनाकर अपने पैरों पर खड़े होने का समय करीब है, जिसके लिए कोताही व लापरवाही घातक होगी। भाजपा और कांग्रेस आदि पार्टियों पर दलित, ओबीसी समेत बहुजन-हित, कल्याण तथा उत्थान हेतु भरोसा करना ठीक नहीं है।''