Edited By Imran,Updated: 07 Oct, 2025 01:17 PM

यूपी के बरेली में 26 सितंबर को जुमे की नमाज के बाद हुए बवाल के बाद प्रशासन लगातार आरोपियों पर कर्रवाई कर रही है। इसके साथ ही अब यह मुद्दा एक सियासी रंग ले चुका है। दरअसल, लगातार विपक्ष के नेता बरेली जाने के लिए बेताब है लेकिन पुलिस प्रशासन विपक्ष के...
लखनऊ: यूपी के बरेली में 26 सितंबर को जुमे की नमाज के बाद हुए बवाल के बाद प्रशासन लगातार आरोपियों पर कर्रवाई कर रही है। इसके साथ ही अब यह मुद्दा एक सियासी रंग ले चुका है। दरअसल, लगातार विपक्ष के नेता बरेली जाने के लिए बेताब है लेकिन पुलिस प्रशासन विपक्ष के नेताओं के लिए मानों नो एंट्री का बोर्ड लगा दिया है।
दरअसल, सपा, कांग्रेस के बाद अब आज मंगलवार को आम आदमी पार्टी (AAP) का 16 सदस्यीय डेलिगेशन बरेली बवाल के पीड़ितों से मिलने आ रहा था, लेकिन रवाना होने के पहले ही डेलीगेशन के मेंबर्स को अलग-अलग जिलों में हाउस अरेस्ट कर लिया गया। अब यह भी खबर है कि बुधवार को सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी बरेली पहुंच सकते हैं।
'योगी सरकार अपनी नाकामी छिपा रही'
वहीं, आप के उन सभी नेताओं का हाउस अरेस्ट किया गया है जो बरेली जाने वाले थे। उन सभी नेताओँ के घर पर कड़ा पहरा लगा दिया गया है। मेरठ के AAP जिलाध्यक्ष अंकुश चौधरी ने कहा- बीजेपी सरकार अपराध रोकने में पूरी तरह विफल रही है। अगर कोई पुलिसिया अत्याचार और बुलडोजर से पीड़ित लोगों से मिलने बरेली जाने की कोशिश करे, तो योगीजी की पुलिस पूरी तत्परता से उन्हें रोकने पहुंच जा रही है। योगी सरकार अपनी नाकामी छिपा रही है।
गौरतलब है कि इससे पहले भी सपा के नेताओं का भी एक डेलीगेशन बरेली जाने वाला था, लेकिन पुलिस ने उनको भी बरेली में जाने से रोक दिया था। लखनऊ में पुलिस ने AAP के प्रदेश कार्यालय को पूरी तरह छावनी में बदल दिया है। बरेली जा रहे AAP नेताओं को बैरिकेडिंग लगाकर रोका गया। पार्टी ने कहा- लोकतंत्र में जनता के बीच जाकर पीड़ितों से मिलने और सवाल उठाने का अधिकार अगर अपराध बन गया है, तो तानाशाही अपने चरम पर है।