Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 29 Jan, 2020 05:14 PM
उत्तर प्रदेश भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (यूपी रेरा) के दफ्तर नहीं जाना पड़ेगा। तीन फरवरी से बिल्डरों के खिलाफ ऑनलाइन शिकायत दर्ज करा सकेंगे।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (यूपी रेरा) के दफ्तर नहीं जाना पड़ेगा। तीन फरवरी से बिल्डरों के खिलाफ ऑनलाइन शिकायत दर्ज करा सकेंगे। यूपी रेरा ने शिकायतों के निस्तारण को और सुगम बनाने के लिए ई-कोर्ट सिस्टम के जरिए शिकायत दर्ज करने के साथ ही उसकी सुनवाई की प्रक्रिया भी तय कर दी है। इससे शिकायतों के निस्तारण में तेजी आएगी।
यूपी रेरा की सोमवार को हुई 31वीं बैठक में ई-कोर्ट सिस्टम शुरू करने का फैसला किया गया है। यह जानकारी देते हुए यूपी रेरा के सचिव अबरार अहमद ने बताया कि तीन फरवरी से आवंटी यूपी रेरा की वेबसाइट लिंक पर जाकर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। यूपी रेरा के लखनऊ और एनसीआर के क्षेत्रीय कार्यालय ग्रेटर नोएडा में अब ई-कोर्ट के माध्यम से ही शिकायतों की सुनवाई की जाएगी। रेरा में शिकायत करने की मौजूदा प्रणाली दो फरवरी तक ही काम करेगी।
तीन फरवरी से ई-कोर्ट सिस्टम पर शिकायतें दर्ज होने लगेंगी, जबकि इनकी विधिवत सुनवाई दो मार्च से शुरू होगी। सुनवाई पूरी होने के साथ ही रेरा का फैसला भी तत्काल वेबसाइट पर अपलोड हो जाएगा। इसे शिकायत कर्ता घर बैठे ही देख सकेंगे।
नवंबर में ही यूपी रेरा में ई-कोर्ट सिस्टम लागू करने का फैसला किया गया था, लेकिन तकनीकी कारणों से मामला टल गया था। पिछले दो महीने से ई-कोर्ट के संचालन के संबंध में ट्रेनिंग चल रही थी। ट्रेनिंग पूरी होने के बाद ई-कोर्ट सिस्टम लागू करने की तारीख घोषित की गई है।
रेरा सचिव अबरार अहमद ने बताया कि ई-कोर्ट में शिकायत दर्ज कराने वाले पक्षकारों की सहायता के लिए हेल्प डेस्क भी बनाई गई है। कोई भी पक्षकार लखनऊ स्थित रेरा ऑफिस में 0522-2781448 और नोएडा ऑफिस में 0120-2326104 पर फोन कर मदद ले सकता है। इसके अलावा रेरा में पंजीकरण न कराने वाले बिल्डरों के खिलाफ मिलने वाली शिकायतों के भी निस्तारण की व्यवस्था की गई है। अधिकतम 30 दिन के भीतर ही कार्रवाई पूरी कर ली जाएगी। नोटिस में ही सुनवाई व बहस की तारीख अंकित रहेगी। अधिकतम 30 दिन के भीतर ही कार्रवाई पूरी की जाएगी। दोनों पक्षों की आपत्ति व प्रति आपत्ति व बयान आदि भी ई-कोर्ट के माध्यम से ही ली जाएंगी। डजिटली हस्ताक्षर युक्त आदेश वेबसाइट पर अपलोड कर दिया जाएगा।