Edited By Ramkesh,Updated: 08 Oct, 2024 06:14 PM
उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले की एक विशेष अदालत ने नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के आरोपी को मंगलवार को दोषी ठहराते हुए 20 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई और 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। यौन अपराधों से बच्चों का सरंक्षण...
सोनभद्र: उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले की एक विशेष अदालत ने नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के आरोपी को मंगलवार को दोषी ठहराते हुए 20 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई और 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। यौन अपराधों से बच्चों का सरंक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत विशेष अदालत ने अभियोजन व बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद यह सजा सुनाई और जुर्माना नहीं भरने पर तीन माह की अतिरिक्त कैद का आदेश दिया। अर्थदंड की राशि में से 40 हजार रुपये पीड़िता को दिये जाएंगे।
शासकीय अधिवक्ता दिनेश प्रसाद अग्रहरि ने बताया कि ओबरा थानाक्षेत्र के एक गांव में रहने वाले एक व्यक्ति ने 29 मार्च 2022 को पुलिस को सूचित किया कि उसकी 17 वर्षीय नाबालिग बेटी को छबिन्दर शादी का झांसा देकर भगा ले गया।
पीड़ित ने पुलिस को बताया कि अपनी बेटी की उसने सभी संभावित स्थानों पर तलाश किया लेकिन उसका कहीं पता नहीं चला, जिसके बाद उसने शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने दो अप्रैल 2022 को दुष्कर्म और पॉक्सो अधिनियम की सुसंगत धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी। अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश अमित वीर सिंह ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद आरोपी को बीस वर्ष सश्रम कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई।