Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 28 May, 2020 12:29 PM
बहुजन समाज पार्टी(बसपा) अध्यक्ष मायावती ने कहा है कि 65वें दिन थोड़ी राहत की खबर है कि माननीय न्यायालयों ने सरकारी एवं निजी अस्पतालों की बदहाली तथा प्रवासी मजदूरों की दुर्दशा का संज्ञान लेते हुये केन्द्र और राज्य सरकारों से सवाल- जवाब शुरू किया है...
लखनऊः बहुजन समाज पार्टी(बसपा) अध्यक्ष मायावती ने कहा है कि 65वें दिन थोड़ी राहत की खबर है कि माननीय न्यायालयों ने सरकारी एवं निजी अस्पतालों की बदहाली तथा प्रवासी मजदूरों की दुर्दशा का संज्ञान लेते हुये केन्द्र और राज्य सरकारों से सवाल- जवाब शुरू किया है।
मायावती ने गुरूवार को ट्वीटकर कहा ‘‘देश में लॉकडाउन के आज 65वें दिन यह थोड़ी राहत की खबर है कि माननीय न्यायलयों ने कोरोनावायरस की जांच/इलाज में सरकारी अस्पतालों की बदहाली, निजी अस्पतालों की उपेक्षा व प्रवासी मजदूरों की बढ़ती दुर्दशा व मौतों के सम्बंध में केन्द्र व राज्य सरकारों से सवाल-जवाब शुरू कर दिया है। ''
उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के कारण प्रवासी मजदूर घर लौटने के लिय मजबूर है। मीडिया के माध्यम से पता चलता है कि श्रमिकों की कैसी दुर्दशा हो रही है। कई श्रमिक रास्ते में ही दम तोड़ दे रहे है। केन्द्र और राज्य सरकारों को इसकी बिलकुल चिन्ता नही है। बसपा अध्यक्ष ने कहा ‘‘ जिस प्रकार से लॉकडाउन से पीड़ति व घर वापसी को लेकर मजबूर प्रवासी श्रमिकों की बदहाली व रास्ते में उनकी मौत आदि के कड़वे सच मीडिया के माध्यम से देश-दुनिया के सामने हैं वह पुन:स्थापित करते हैं कि केन्द्र व राज्य सरकारों को इनकी बिल्कुल भी चिन्ता नहीं है, यह अति-दु:खद।''