Edited By Ramkesh,Updated: 25 Oct, 2025 11:45 AM

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने आगामी मिशन 2027 को लेकर संगठन को मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम उठाया है। पार्टी सुप्रीमो ने एक नवम्बर को बामसेफ (BAMCEF) की विशेष बैठक बुलाई है, जिसमें संगठन की रणनीति और पिछड़े वर्गों की भागीदारी...
लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने आगामी मिशन 2027 को लेकर संगठन को मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम उठाया है। पार्टी सुप्रीमो ने एक नवम्बर को बामसेफ (BAMCEF) की विशेष बैठक बुलाई है, जिसमें संगठन की रणनीति और पिछड़े वर्गों की भागीदारी बढ़ाने पर मंथन किया जाएगा।
सूत्रों के अनुसार, बैठक में बामसेफ कैडर को दोबारा सक्रिय करने और संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने पर चर्चा होगी। वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले भी बसपा ने बामसेफ को पुनर्जीवित करने का प्रयास किया था, लेकिन अपेक्षित सफलता नहीं मिल सकी थी। अब मायावती की नजर आगामी विधानसभा चुनाव पर है, जिसमें वह बामसेफ को बसपा के जनाधार विस्तार का प्रमुख माध्यम बनाना चाहती हैं।
बताया जा रहा है कि मायावती स्वयं इस बैठक में मौजूद रहेंगी और पिछड़े वर्ग को जोड़ने की रणनीति पर अंतिम निर्णय लेंगी। बैठक में यह तय किया जाएगा कि कैसे बामसेफ से जुड़े सरकारी कर्मचारी और शिक्षित वर्ग समाज में बसपा की विचारधारा को मजबूती से आगे बढ़ाएं।
इस बीच, संगठनात्मक फेरबदल भी जारी है। बसपा ने सरवर मलिक को लखनऊ मंडल का मुख्य प्रभारी नियुक्त किया है, जबकि मुनकाद अली को कानपुर व लखनऊ मंडल की जिम्मेदारी दी गई है। माना जा रहा है कि यह बदलाव पार्टी को जमीनी स्तर पर सक्रिय करने के उद्देश्य से किए गए हैं। बसपा नेतृत्व का मानना है कि बामसेफ हमेशा से पार्टी की वैचारिक रीढ़ रहा है, और 2027 के विधानसभा चुनाव में इसकी सक्रियता बसपा के लिए निर्णायक साबित हो सकती है।