Mayawati: सत्ता में वापसी के लिए मायावती ने निकाला तोड़, 2027 में ‘DM’ फॉर्मूले से मात देने की तैयारी

Edited By Imran,Updated: 30 Oct, 2025 06:36 PM

mayawati devised a formula to return to power

Mayawati: मायावती 2027 में चुनाव जीतने के लिए एक नया DM फॉर्मूला का इजाद किया है। उन्होंने अपने पदाधिकारियों को इसी तहत काम करने का आदेश दिया है...

Mayawati: एक लंबे अर्से से सत्ता से दूर बसपा प्रमुख मायावती एक फिर से सत्ता पर काबिज होने के लिए बेताब हैं। यूपी विधानसभा का चुनाव भले ही दूर है, लेकिन बहन जी अभी से कील कांटे दुरुस्त करने में लगी हैं। बता दें कि बीते बुधवार को मायावती ने अपने पदाधिकारियों के साथ बैठक की और इस फार्मूले ‘DM’ का इजाद किया। उन्होंने सुनिश्चित किया कि इसी ‘DM’ फार्मुले के जरिए वह 2027 में 2002 वाली कहानी दोहराने का काम करेंगी।

क्या है DM फार्मूले का राज ?
बैठक के दौरान मायावती ने DM यानी कि दलित-मुस्लिम की बात की। उन्होंने अपनी पार्टी के नेताओं से कहा कि मुस्लिम समाज को बताएं कि 22 फीसदी दलित और 20 फीसदी मुस्लिम मिलकर बीजेपी को चुनाव में हरा सकते हैं।

प्रदेश में खोई हुई जनाधार को वापस पाने के लिए मायावती इस बार फ्रंटफुट पर खेलती हुई नजर आ रही हैं। जिस तरह से उन्होंने साल 2002 के विधानसभा चुनाव में दलित, मुस्लिम और सवर्णों को साधने का कामयाब हुई थी और पहली बार पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाई थी ठीक उसी तरह से 2027 की राह भी आसान बनाने में लगी हैं।

दलित-मुस्लिम समीकरण
बैठक में मायावती ने दलित-मुस्लिम के समीकरण को समझाते हुए पदाधिकारियों से कहा कि उत्तर प्रदेश में दलित-मुस्लिम के वोट मिलकर 42 प्रतिशत बनता है।  2022 में बीजेपी 41.3 फीसदी वोट पाकर दूसरी बार सत्ता पर कब्जा बरकरार रखा था।

मुस्लिम के सहारे मायावती
हालही में 2024 में हुए आम चुनाव में बसपा का खाता भी नहीं खुला था, जिसका ठिकड़ा उन्होंने मुस्लिम वोटरों पर फोड़ते हुए कहा था कि ‘इस बार मुसलमानों ने मेरा साथ नहीं दिया है, अब फिर से मुस्लिमों पर भरोसा जताते हुए उनका साथ मांगा है। साथ ही अपने पदाधिकारियों को टारगेट भी दे दिया है कि जितना अधिक हो सकता है उतना मुस्लिम लोगों को पार्टी से जोड़ने का काम किया जाए।

BJP से ज्यादा सपा- कांग्रेस पर मायावती का निशाना
हालही में लखनऊ के अंबेडकर पार्क में मायावती ने एक विशाल जनसभा किया था, ये भी कह सकते हैं कि उन्होंने 2027 चुनाव का आगाज किया था। कांशीराम के पुण्यतिथि पर आयोजित इस जनसभा में मायावती ने साफ कर दिया था कि अब बसपा कमबैक करने के लिए तैयार है। मौजूदा समय में मुस्लिमों का बड़ा वोट बैंक सपा-कांग्रेस गठबंधन के साथ है, जिसे देखते हुए मायावती ने दोनों दलों को मुस्लिम विरोधी कठघरे में खड़े करने का दांव चल रही हैं।

 

 

 

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